आपने अक्सर सुना होगा, ये तुम्हारा नहीं, ‘पुरुषों का काम’ है. अब ऐसा कहने वालों के मुंह पर ताला जड़ने का वक्त है. ‘वीमेंस डे’ पर ऐसी महिलाओं की कहानी पेश कर रहे हैं, जिन्होंने ‘पुरुषों के वर्चस्व’ वाले काम को चुना और अपनी काबिलियत साबित की.
ये कहानी है एनी दिव्या की, जो सबसे कम उम्र में बोइंग 777 की कैप्टन बनीं. एनी ने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में केंद्रीय विद्यालय से पढ़ाई की. बचपन में ही उनकी मां ने कहा कि तुम्हें पायलट बनना चाहिए, लेकिन इसके लिए उनके पास ज्यादा जानकारी नहीं थी और न ही एविएशन का कोई बैकग्राउंड.
फिर भी एनी ने अपने सपनों की उड़ान भरना शुरू किया. उन्हें पायलट बनने के लिए काफी संघर्ष भी करना पड़ा. उन्होंने ऑल इंडिया लेवल पर जो एग्जाम दिया उसमें सिर्फ 30 सीटें ही थीं, लेकिन उन्होंने वो एग्जाम भी पास कर लिया और चुन ली गईं.
जब उन्होंने पायलट की ट्रेनिंग लेने के लिए एडमिशन लिया तो वो ठीक से इंग्लिश भी नहीं बोल सकती थीं. उनके कपड़ों और रहन-सहन को लेकर काफी मजाक भी उड़ाया गया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. धीरे-धीरे एनी ने अपने आप को उस माहौल में ढाला और खुद को बदला. आज एनी काफी स्टाइलिश हो गई हैं और फर्राटे से इंग्लिश भी बोलती हैं.
देखिए एनी की कहानी उन्हीं की जुबानी.
कैमरा: संजॉय देब
वीडियो एडिटिंग: वीरू कृष्ण मोहन
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