आगामी उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Elections) के पहले सत्ताधारी बीजेपी अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) निर्माण को अपनी उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है. आम श्रद्धालु भी राम लला के मंदिर निर्माण को लेकर उत्सुक हैं लेकिन व्यापारियों का एक तबका सरकार से खासा नाराज है. इसका कारण है कि मंदिर निर्माण के साथ सड़क चौड़ीकरण परियोजना के लिए कई दुकाने तोड़ी जानी हैं. इसी को लेकर व्यापारी प्रशासन के खिलाफ लामबंद हो गए हैं.
व्यापारियों की मांग- “विस्तार नहीं विकास चाहिए”
अयोध्या उद्योग व्यापार मंडल ट्रस्ट ने शहर में हर जगह पोस्टर चस्पा किए हैं जिसपर उन्होंने लिखा है कि “विस्तार नहीं विकास चाहिए”. स्थानीय दुकानदार शक्ति जायसवाल का कहना है कि सरकार के इस योजना का विरोध नहीं है लेकिन हम व्यापारियों को आप कहां बसायेंगे.
“सरकार के इस योजना का विरोध नहीं है. विरोध इस बात का है कि आप अगर यहां से व्यापारियों को हटाएंगे तो उन्हें ले जाकर कहां बसायेंगे? जो मुआवजा आपने सर्किल रेट के हिसाब से बनारस में दिया है वो यहां क्यों नहीं दिया जा रहा."शक्ति जायसवाल, स्थानीय दुकानदार
मालूम हो कि हनुमानगढ़ी दर्शन मार्ग और उसके ठीक बगल में मुख्य मार्ग के चौड़ीकरण में लगभग 600 दुकानें प्रभावित होंगी. इन दुकानदारों का कहना है कि अगर उनकी दुकानों को हटाया गया तो उनकी रोजी-रोटी छिन जाएगी. उनकी मांग है कि प्रशासन विकास जरूर करे लेकिन विनाश नहीं. उनको डर है कि एक झटके में उनसे उनकी कई सौ साल पुरानी दुकान छिन ली जायेगी.
“कोरोना काल के 2 साल में पहले ही कई लोगों की दुकान बंद हो गयी है. जिसकी दुकाने बची भी है, वो भी सरकार लेना चाहती है. सरकार दुकान लेकर सड़क बनाएगी,जो जमीन बचेगी वो अमीर खरीद लेंगे. "दीपक चौरसिया, दुकानदार, हनुमानगढी
व्यापारियों और प्रशासन के बीच अब तक कई बार वार्ता हो चुकी है लेकिन उसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला है. दुकानदारों का कहना है कि पूर्व जिलाधिकारी ने वादा किया था कि उन्हें शहर के अंदर दुकान आवंटित की जाएगी लेकिन बाद में मुकर गए. क्विंट ने भी अयोध्या जिलाधिकारी से उनके आधिकारिक बयान के लिए संपर्क किया लेकिन वीडियो बनने तक उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.
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