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बक बक बिलाल: इस बार गणपति विसर्जन ने कैसा कर दिया मुंबई का हाल?

मुंबई के लोग ईको फ्रेंडली गणेशोत्सव क्यों नहीं मनाते?

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मुंबई के घरों में लगातार 10 दिनों तक खिड़की के बाहर से आता 'गणपति बप्पा मोरया' का शोर और त्योहार का आखिरी सबसे ज्यादा धमाकेदार दिन.

सड़कों पर हजारों-हजार गणपति लेकर लोग आते हैं. विसर्जन के लिए सभी मूर्तियां लेकर समुद्र की ओर जाते हैं. 12 सितंबर को गणेशोत्वस का आखिरी दिन था और सड़कों पर ऐसे ही लोगों की भीड़ थी.

लेकिन इस बार भी त्योहार में एक बुरी बात देखने को मिली जब प्लास्टर ऑफ पेरिस की बनीं मूर्तियां समुद्र के पानी में घुली नहीं. अब वो या तो लहरों के सहारे वापस किनारे पर आ जाएंगी या पानी के अंदर ही कई दिनों तक रहेंगी. पानी में इसकी मौजूदगी से समुद्र में रहने वाले जीव-जंतुओं को नुकसान होगा.

लेकिन इन्हीं लोगों के बीच कुछ ऐसे मुंबईकर भी हैं जिन्होंने कमर कसी है और सफाई का बीड़ा उठाया है. 1200 से ज्यादा मुंबईकर जुहू बीच पर कूड़ा, मलबा और बाकी सारा कचरा साफ करने के लिए जुटे. समुद्र के किनारे काफी कचरा ऐसा था जिसे लोग विसर्जन के दौरान छोड़ गए.

हमने ये वीडियो मुंबईकरों के दो पक्ष दिखाने के लिए बनाई है. पहले, वो लोग जो विसर्जन के दौरान बप्पा को विदाई देने आए और दूसरे वो हैं जो अगले दिन घरों से बाहर निकले और सफाई करने के लिए जुहू बीच पहुंचे.

हम ये आशा करते हैं कि ये वीडियो उन लोगों तक पहुंचेगी जिनके पास 1 साल का समय है ताकि वो ये सोचने पर मजबूर हो जाएं कि वो अगले साल प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां न खरीदें.

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