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मां ने डॉक्टरों के सामने अपने नवजात का शव रख पूछा-ये हड़ताल क्यों?

परिवार ने हड़ताली डॉक्टरों के सामने नवजात का शव रखकर प्रदर्शन किया

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पश्चिम बंगाल के मिदनापुर मेडिकल कॉलेज में शनिवार को एक नवजात शिशु की मौत के बाद परिजनों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान परिजनों और आंदोलन कर रहे डॉक्टरों के बीच धक्का- मुक्की भी हो गई.

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जानकारी के मुताबिक महिला को अस्पताल में लेबर पेन की वजह से भर्ती कराया गया था. जहां ऑपरेशन से उसने बच्चे को जन्म दिया था. शनिवार ( 15 जून) की सुबह हॉस्पिटल की तरफ से जानकारी दी गई कि उस नवजात शिशु की मौत हो गई है. खबर मिलते ही गुस्साए परिजनों ने नवजात के शव को प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों के सामने रख दिया. इस दौरान बच्चे की मां और रिश्तेदार कभी रो रहे थे तो कभी नाराजगी जता रहे थे.

अपने बच्चे की मौत के बाद माता-पिता न्याय की मांग कर रहे हैं. उन्होंने डॉक्टरों से सवाल किया कि अगर मरीज मर रहे हैं तो उनकी हड़ताल कैसे जायज है?

डॉक्टर की कमी की वजह से मौत?

मिदनापुर मेडिकल कॉलेज के चाइल्ड स्पेशलिस्ट समेत 10 डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने वालों में दिव्य ज्योति डे, पीसी मंडल, पीसी घोष, विद्युत खूंटियां, सुनील कुमार हेंब्रम, प्रणब कुमार डे शामिल हैं. शिशु विभाग में कुल मिलाकर 11 सीनियर डॉक्टर ही हैं. हालांकि विभाग के सीनियर डॉक्टरों का कहना है कि इस्तीफा देने वाले डॉक्टर अभी काम बंद नहीं करेंगे.

सवाल ये उठता है कि क्या बच्चे की मौत कैसे हुई. हड़ताल के बाद भी ऑपरेशन हुआ, ये भी सच है लेकिन इतना जरूर है कि हड़ताल,  इस्तीफा और लगातार प्रोटेस्ट के कारण इलाज पर असर जरूर पड़ा है.

मिदनापुर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार को अपनी मांगों को लेकर एक रैली भी निकाली. इसमें सीनियर डॉक्टरों ने भी हिस्सा लिया.

देश भर में फैला बंगाल का बवाल

बता दें कि पश्चिम बंगाल के NRS अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद उनके परिजनों ने डॉक्टरों से मारपीट की. इसमें एक जूनियर डॉक्टर बुरी तरह घायल हो गया. इसके बाद बंगाल के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए. बंगाल के अपने साथियों का साथ देने के लिए कई और राज्यों के डॉक्टरों ने भी विरोध प्रदर्शन किया. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 17 जून को देश व्यापी हड़ताल का ऐलान किया है.

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने 15 जून को ऐलान किया उन्होंने डॉक्टरों की सारी मांगें मान ली हैं. लेकिन डॉक्टर संतुष्ट नहीं हुए. अभी भी दोनों पक्षों के बीच बातचीत नहीं हो पाई है. हालांकि डॉक्टर अब बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं.

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