वीडियो एडिटर- मोहम्मद इरशाद आलम
कांशीराम का नाम सुना है?
"जी हां, हमारे नायक हैं. दलितों के सम्मान की लड़ाई लड़ने वाले नायक. उन्होंने ही बहुजन समाज पार्टी बनाया. उन्होंने हमारे समाज के लिए बाबा साहब भीमराव आंबेडकर का जो मिशन है उसे जगाया उनके बताये रास्तों पर उनके मूल विचार पर हमे चलना सिखाया. उन्हीं के सहारे मायावती चार बार उत्तर प्रदेश की सीएम बनीं, और आज आप मुझसे बात कर रहे हैं तो उन्हीं की वजह से नहीं तो कबका हमारी आवाज को दबा दिया जाता."
ये सारी बातें एक सांस में 17 साल कुछ महीने के राहुल ने हमें बताई. उसकी स्पीड वाली बोली के बीच में ब्रेकर के लिए मैंने एक और सवाल पूछ दिया. क्या तुम चंद्रशेखर आजाद रावण को जानते हो? एकदम तपाक से जवाब आता है, भैया हैं हमारे.
हमारे मसीहा हैं. भगवान की तरह हैं हमारे लिए. जैसे बाबा भीम राव आंबेडकर हैं उसी तरह हमारे लिए भाई चंद्रशेखर हैं.राहुल
कांशीराम की 12वीं पुण्यतिथि
9 अक्टूबर को कांशीराम की 12वीं पुण्यतिथि है. हालांकि जब राहुल से कांशीराम के पुण्यतिथि के बारे में पूछा तो सही तारिख भूल गया. लेकिन तुरंत पलटकर कहा अभी हाल फिलहाल में ही है. टीवी पर देखा था, लेकिन तारीख नहीं याद आ रही.
राहुल अभी सहारनपुर के जनता इंटर कॉलेज से इंटर में पढ़ाई कर रहा है. चार भाई बहनों में सबसे बड़ा राहुल भीम आर्मी और चंद्रशेखर का फैन हैं. खुद को भीम आर्मी का सदस्य मानता है.
मायावती बने पीएम, बहुजन का हो शासन
देवबंद से सहारनपुर जाने के रास्ते में एक गांव है लाखनौर. जहां संत रविदास का मंदिर है. मंदिर के मैदान में राहुल और आसपास के बच्चे जोश के साथ जय भीम का नारा बुलंद कर रहे थे. जहां एक तरफ 28 साल के चंद्रशेखर मायावती को बुआ कह रहे हैं, वहीं दूसरी ओर 17 साल का राहुल मायावती को बहनजी कहने से गुरेज नहीं कर रहा. इसी दौरान राहुल से जब हमने उनसे मायावती के बारे में पूछा तो वो कहता है, "हम बहन जी मायावती के साथ हैं. हम बहुजनों की सरकार बनाना चाहते हैं. 2019 में बहुजनों की सरकार बनेगी."
मायावती और चंद्रशेखर में किसका देंगे साथ?
दरअसल, अभी हाल ही में जेल से छूटने के बाद चंद्रशेखर ने क्विंट से बात करते हुए मायावती को अपनी बुआ बताया था.
मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और बिना चंद्रशेखर का नाम लिए कहा कि हम किसी की बुआ नहीं हैं, उनका कोई रिश्ता नहीं है और कुछ लोग अपने फायदे के लिए उनसे रिश्ता जोड़ते रहते हैं.
मायावती के इसी बयान पर जब राहुल से पूछा गया कि अगर मायावती और चंद्रशेखर एक साथ नहीं आते हैं और चंद्रशेखर अलग से चुनाव में उतारते हैं तब क्या करोगे? राहुल ने कहा, पहली बात तो चंद्रशेखर भाई चुनाव नहीं लड़ेंगे. वो बहुजनों के मसीहा हैं दलितों के मसीहा हैं.
अगर चंद्रशेखर चुनाव लड़ते हैं तो हम उनके साथ हैं, मायावती को फिर देखेंगे.
अगर चंद्रशेखर भाई बुआ बता रहे हैं, अगर मायावती भी उन्हें अपना रही हैं फिर तो हमें दोनों के साथ रहना है. नहीं तो चंद्रशेखर भाई के साथ होंगे.
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