वीडियो एडिटर: संदीप सुमन
19 दिसंबर को अपने कन्वोकेशन से ठीक पहले BHU के छात्र खरीदारी करने निकले थे, और ये वही दिन था जब BHU के कुछ छात्रों और स्थानीय समाज सेवकों ने वाराणसी के बेनियागंज में CAA और NRC के खिलाफ शांति प्रदर्शन का आयोजन किया था.
कुछ छात्र ऑटो में कुर्ता खरीदने जा रहे थे जिन्हें पुलिस ने बाजार पहुंचने से पहले ही रोक लिया, उस दिन (19 दिसंबर) करीब 20 छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. करीब 8 छात्रों को 5 दिन तक हिरासत में रखने के बाद पुलिस ने छोड़ दिया.
द क्विंट ने उनमें से तीन छात्रों से बात की जिनका आरोप है कि उन्होंने पुलिस को बताया कि वो प्रदर्शनकारी नहीं हैं लेकिन फिर भी पुलिस ने उन्हें जबरदस्ती दशाश्वमेध पुलिस स्टेशन लेकर गई
गोदोव्लिया से ठीक पहले पुलिस ने बेरीकेड लगा रखे थे और चेकिंग चल रही थी कि कोई BHU से है या नहीं, अगर कोई बताता था कि वो BHU से है तो उन्हें अपशब्द कहे जाते थे, उन्हें धक्का दिया जाता था और फिर उन्हें पुलिस दशाश्वमेध पुलिस स्टेशन ले जाती थी.BHU छात्र
छात्रों का आरोप है कि जब उन्हें पुलिस ऑटो से खींचकर निकाल रही थी तब उन्हें 'दंगाई' कहा गया, छात्रों को कोई कानूनी मदद नहीं दी गई और न ही घरवालों से बात करने दिया गया.
‘मुझे लगता है ये हमारे संविधान के खिलाफ है संविधान में जो धर्मनिर्पेक्षता की बात है, ये उसको चुनौती है और इस देश की नागरिक होने के नाते और यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर होने के नाते मुझे लगता है कि ये मेरा कर्तव्य है कि मैं सरकार को कहूं कि ‘ये हमारे संविधान के खिलाफ है’बिंदा परांजपे, प्रोफेसर, इतिहास विभाग, BHU
CAA के खिलाफ वाराणसी में प्रदर्शन तेज हो रहा है, लेकिन सवाल ये है कि क्या BHU छात्रों को सरकार के खिलाफ आपनी आवाज उठाने के लिए निशाना बनाया गया है या बनाया जा रहा है?
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