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बिहार में अपराधी AK-47 लेकर अड़े हैं, डिप्टी CM हाथ जोड़े खड़े हैं

मुंगेर में बड़ी संख्या में AK-47 बरामद

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वीडियो एडिटर- पुर्णेन्दू प्रीतम

कैमरा- शिव कुमार

“बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है”

अब इसे बदलने का वक्त आ गया है, नया नारा होना चाहिए- “बिहार में बहार है, AK-47 की भरमार है, सरकार लाचार है....”

क्यों? चलिए जरा बिहार की राजधानी पटना से 200 किलोमीटर दूर मुंगेर चलते हैं. यहां एक दो नहीं, पूरे 12 AK-47 मिले हैं...खेत, कुएं...हर जगह से.

गुंडे, हवा में AK-47 लहरा रहे हैं...सरे राह गोलियां चला रहे हैं...ये सब आसान हो जाता है, जब आपके सामने सूबे का डिप्टी सीएम हाथ जोड़ कर कहे---हे गुंडा महाराज, हम पर रहम करो.

पहले गुंडाराज पर कोसते थे, अब चुप्पी

पानी पी-पीकर कभी जंगलराज का नारा बुलंद करने वाले डिप्टी सीएम गुंडों पर डंडा चलाने की बजाय खुद हाथ जोड़कर नतमस्तक हो गए. ये ऐसा हाल था कि उपमुख्यमंत्री महोदय के सामने वाकई कोई एके-47 लहराता आ खड़ा होता तो शायद वो उसके पैर पकड़ लेते.

सुशील मोदी जी, शातिर अपराधियों के सामने हाथ नहीं जोड़े जाते...वो पांचवीं क्लास के बच्चे नहीं है, जोकि हेड मास्टर की अपील सुनकर बदमाशी छोड़ देंगे.

सरकार आपकी, पुलिस आपकी और आप इस तरह से अपराधियों के सामने गिड़गिड़ाएंगे तो क्या क्राइम बंद हो जाएगा? और चलिए मान लिया जाए कि आपकी इस गुजारिश से अपराधियों का दिल पसीज जाए और वो 15 दिन तक कोई क्राइम ना करें. लेकिन उसके बाद क्या? 

कहीं ये तो नहीं कि बस इतने दिन रुक जाइए...उसके बाद का लाइसेंस तो आपको मिला ही हुआ है--खुलेआम गुंडागर्दी का लाइसेंस...लगता यही है...याद करिए आपने और क्या कहा था.

मैं अपराधियों से हाथ जोड़कर आग्रह करूंगा कि कम से कम पितृ-पक्ष में तो छोड़ दीजिए....बाकी दिनों में मना करें या ना करें आप कुछ न कुछ तो करते ही रहते हैं और पुलिस वाले लगे रहते हैं.
सुशील मोदी, डिप्टी सीएम, बिहार
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ट्विटर वॉर में माहिर, अब गुस्सा भी नहीं कर रहे जाहिर

जब आप सत्ता से बाहर थे तो हत्या, लूट, प्रशासन की नाकामी जैसे मुद्दों पर दनादन ट्विटर की चिड़िया के सहारे सरकार के घोंसलों में हंगामा मचा देते थे. लेकिन सर अब वही ट्विटर की चिड़िया पिंजरे में कैद है और अपराध की चीलें पूरे सूबे पर मंडरा रही हैं.

हम समझते हैं कि खुद की सरकार की आलोचना मुश्किल काम है लेकिन अपराधियों के सामने हाथ जोड़ने जैसी शर्मनाक हरकत से तो बाज आइए. अपराध, बेहतर लॉ एंड ऑर्डर से रुकेगा, आपकी मार्मिक अपील से नहीं.

यकीन न हो तो ये आंकड़े देखिए. इसी साल जनवरी से लेकर अगस्त तक करीब डेढ़ लाख आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं. इसमें हत्या के 2035 और किडनैपिंग के 7083 मामले शामिल हैं. अगर आपकी जबान में जंगल राज पार्ट-2 मतलब लालू-नीतीश गठबंधन की बात करें तो जनवरी 2017 से अगस्त 2017 तक हत्या के1838 और किडनैपिंग के 6098 मामले दर्ज हुए...गणित मुश्किल नहीं है, डिप्टी सीएम सर.

अगर याद्दाश्त और गणित दोनों से गुरेज हो तो सिर्फ सितंबर के आंकड़े देखिए-

  • 29 सितंबर- पटना के एक डॉक्टर के बेटे को अगवा किया गया, 50 लाख की फिरौती मांगी गई और बाद में उसका शव मिला
  • 23 सितंबर- मुजफ्फरपुर के पूर्व मेयर समीर कुमार और उनके ड्राइवर की बीच शहर में AK-47 से हत्या
  • 22 सितंबर- समस्तीपुर में बीजेपी कार्यकर्ता सुनील शाह की गोली मारकर हत्या
  • 21 सितंबर- पटना में अपराधियों ने तबरेज आलम नाम के शख्स की गोली मारकर हत्या की
  • इसी महीने में हाजीपुर के पॉश इलाके में एक पूर्व वार्ड पार्षद प्रत्याशी को मार दिया गया
  • 10 सितंबर- पटना में बंकाघाट रेलवे स्‍टेशन के पास लुटेरों ने बंदूक के बल पर कोसी एक्‍सप्रेस में लूटपाट की
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इतना ही नहीं सुशील कुमार मोदी जी आपका 'सुशासन' उस वक्त निर्वस्त्र हो गया, जब आरा में भीड़ ने एक महिला के कपड़े फाड़कर उसे घुमाया.

ये आंकड़े बताते हैं कि अपराधियों के मन में पुलिस और कानून का कोई डर नहीं है. हत्या के मामलों में अगस्त में बीते साल की तुलना में 8 फीसदी का इजाफा हुआ है. अपहरण और बलात्कार के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है.

मॉब लिंचिंग के बढ़ते मामले, लड़कियों के साथ अपराध, मर्डर, किडनैपिंग, कम्युनल वायलेंस....बिहार जब इन सबसे हलकान है तब राज्य के डिप्टी सीएम अपराधियों के आगे झुक कर दोहरे हुए जा रहे हैं. सर, कमर सीधी करिए, कस लीजिए...अपराध से लड़िए, हाथ मत जोड़िए.

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