वीडियो एडिटर: संदीप सुमन
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी नाटक का मंचन करने के मामले में कर्नाटक के बीदर में पुलिसकर्मी लगातार शाहीन स्कूल में छात्रों से पूछताछ की. कर्नाटक पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ माता-पिता सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन किया.
प्रदर्शन कर रहे एक अभिभावक ने कहा-
“बच्चों के माता-पिता होने के नाते हमें लगता है कि बच्चों को सवाल पूछना चाहिए न कि पुलिस को जवाब देना चाहिए. ये दुखद है कि पुलिस इस हद तक आ गई है.”द्विज गुरू
सामाजिक कार्यकर्ता कल्पना चक्रवर्ती कहती हैं कि पुलिस के इस व्यवहार की वजह से बच्चों के मानसिक स्थिति पर असर पड़ेगा.
“बीजेपी सरकार दोहरी बात करती है. शाहीन बाग के बच्चों के लिए वो काउंसलिंग की बात करते हैं लेकिन यहां आप क्या कर रहे हैं? आप बच्चों को परेशान कर रहे हैं. इसका बच्चों पर गहरा असर होने वाला है.”कल्पना चक्रवर्ती, सामाजिक कार्यकर्ता
मोहम्मद नईम कहते हैं- ये कैसा इंसाफ है? क्या बच्चे एक ड्रामा नहीं कर सकते? उनको आजादी नहीं है? अपने विचारों को सामने रखना किसी तरह से राजद्रोह नहीं हो सकता. ये मनमानी है .
बता दें, 21 जनवरी को कर्नाटक के बीदर में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ शाहीन स्कूल में स्टूडेंट्स ने नाटक का मंचन किया था. नाटक के मंचन के बाद एबीवीपी के कार्यकर्ता ने इसके खिलाफ शिकायत की. शिकायत में कहा गया कि संस्थान के छोटे बच्चों को नाटक मंचित करने के लिए इस्तेमाल किया गया था, इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इमेज को गलत तरीके से पेश किया गया.
मामला दर्ज होने के बाद पुलिस लगातार बच्चों से पूछताछ कर रही है.
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