क्विंट हिंदी और गूगल के खास कार्यक्रम, BOL: Love Your भाषा में क्विंटिलियन मीडिया के फाउंडर राघव बहल और गूगल के वाइस प्रेसिडेंट, राजन आनंदन के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. इस मौके पर राजन ने कहा कि इंटरनेट पर हिंदी और भारतीय भाषाओं में ग्रोथ की सबसे ज्यादा गुंजाइश वीडियो में हैं. यूट्यूब पर 95 फीसदी वीडियो भारतीय भाषाओं में देखे जाते हैं.
राघव बहल ने भारत के इंटरनेट बाजार की तुलना चीन, कोरिया या जापान जैसे बाजार से करते हुए बताया कि किस तरह वो बाजार एक ही बड़ी भाषा के तहत आते हैं. जाहिर है, वहां इंटरनेट का बाजार एक ही भाषा में खड़ा करना कहीं आसान है. मिसाल के लिए चीन जहां चीनी भाषा बोलने वाले 60 करोड़ लोग मिल जाते है. लेकिन हिंदुस्तान में 40 करोड़ इंटरनेट यूजर का मतलब है 20 अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले लोग.
तो सवाल वही कि क्या भारत में हिंदी, तमिल, तेलुगू, मराठी में इंटरनेट खड़ा करना होगा?
गूगल के वाइस प्रेसिडेंट राजन आनंदन इसका दिलचस्प जवाब देते हैं. वो कहते हैं कि ये चैलेंज वीडियो के जरिए पार होगा. भारत में यूट्यूब की पहुंच 25 करोड़ यूजर तक है. हिंदी के साथ तमिल तेलुगू जैसी भाषाएं भी खूब फल फूल रही हैं. 2030 तक अकेले NCR की इकनॉमी ट्रिलियन डॉलर को छुएगी. अकेले इसी बाजार में न जाने कितने मौके पैदा होंगे.
जिसके बाद क्विंट के फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ राघव बहल ने जोड़ा कि वीडियो कंटेंट ही आने वाले वक्त में ऑनलाइन डेमोक्रेसी का जरिया बनेगा.
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