कैमरा: संजॉय देब
कैमरा एसिस्टेंट: गौतम शर्मा
वीडियो एडिटर: आशीष मैक्यून
प्रोड्यूसर: वीनू जोसेफ
फिल्में देखते वक्त आप उन आवाजों पर कितना गौर करते हैं जो किसी भी फिल्म की जान होती हैं. वो रोजमर्रा की आवाजों से लेकर बम ब्लास्ट तक की आवाज हो सकती है. आज आपकी मुलाकात करवाते हैं उन लोगों से जो इन आवाजों को पैदा करते हैं. गोरेगांव की संकरी गलियों में है मुंबई का वो स्टूडियो जहां करन अर्जुन सिंह, शंकर सिंह, अनिल पवार और राम नाथ जैसे आवाज के जादूगर अपने स्टूडियो में कमाल करते हैं.
ये टीम अपने फोली स्टूडियो में हिंदुस्तान की कुछ सबसे बड़ी फिल्मों के लिए साउंड इफेक्ट्स तैैयार करने का काम करती है. जस्ट फोली नाम के स्टूडियो में फोली आर्टिस्ट करन अर्जुन सिंह अपनी टीम के साथ अब तक सुल्तान, रईस, दंगल, नीरजा, सीक्रेट सुपरस्टार, तुम्हारी सुलु और बाहुबली जैसी फिल्मों पर काम कर चुके हैं.
फोली आर्टिस्ट किसी भी फिल्म के लिए साउंड इफेक्ट तैयार करने का काम करता है, जिन्हें फिल्म की पोस्ट-प्रोडक्शन स्टेज (शूटिंग के बाद) में जोड़ा जाता है. फोली शब्द, अमेरिकन साउंड इफेक्ट आर्टिस्ट जैक फोली के नाम से आया है. फिल्म का ज्यादातर साउंड ऐसे ही किसी फोली स्टूडियो में रचा जाता है क्योंकि फिल्म सेट पर ज्यादातर चीजें नकली होती हैं.
किसी भी एक्शन फिल्म में हजारों साउंड इफेक्ट इस्तेमाल किए जाते हैं. करन अर्जुन सिंह ने क्विंट को बताया कि बड़ी से बड़ी फिल्म का पूरा साउंड उनके 10X16 फुट के स्टूडियो में किया जाता है.
लोहे के दरवाजे को पीटने से लेकर धमाकों तक, फोली आर्टिस्ट हर साउंड इफेक्ट को दोबारा पैदा करता है. हालांकि, फिल्म देखते वक्त दर्शक कभी सोचते भी नहीं कि ये साउंड कहां से आया और ये उनके लिए फिल्म का एक हिस्सा ही होता है.
करन ने बताया कि कदमों तक की आहट को विश्वसनीय बनाने के लिए वो काफी मेहनत करते हैं, फिर चाहे वो सेना की बटालियन की कदमताल हो या करीना कपूर के कदमों की आहट.
देखिए ये दिलचस्प वीडियो और रखिए फोली आर्टिस्ट की दिलचस्प दुनिया पर कान!
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