अमेरिका में 22 अक्टूबर की रात को दूसरी और आखिरी प्रेसिडेंशियल डिबेट (presidential debate) खत्म हो गई. डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन के बीच की दूसरी बहस में मुद्दे करीब-करीब वही रहे लेकिन ये इस बार बहस का ढंग पहले से बेहतर रहा. आश्चर्यजनक रूप से ये डिबेट बहुत शालीन और मर्यादित रही. इसकी वजह ये है कि आयोजकों ने तय किया था कि कोई टोका-टोकी नहीं करेगा. ये इसलिए किया गया था क्यों कि पिछली डिबेट में ट्रंप बहुत टोका टाकी कर रहे थे. इसलिए पहले से ही तय किया गया था कि अगर कोई टोका-टाकी करता है तो म्यूट बटन का इस्तेमाल किया जाएगा.
इसलिए सलाहकारों ने ट्रंप को कहा था कि आज डिबेट के वक्त अच्छा बर्ताव करें. लेकिन अगर ट्रंप अपने वास्तविक अंदाज में होते और टोका-टाकी करते तो उनकी इमेज और बिगड़ जाती. म्यूट के बटन के नियम ने आज ट्रंप की मदद कर दी और इसकी वजह से उनका रवैया बेहतर रहा. हालांकि बाइडेन की डिबेट भी काफी सौम्य और परिपक्व थी. वो व्यक्तिगत हमले करने के मूड में नहीं थे. ट्रंप को धीमा तो किया जा सकता है लेकिन उनको झूठ बोलने से नहीं रोका जा सकता. जाहिर है कि उन्होंने कई झूठ बोले और उसी पर टोका-टाकी होती रही.
पहला झूठ- 'कोरोना वायरस को अच्छे से हैंडल किया'
बहस के दौरान सबसे बड़ा मुद्दा रहा कोरोना वायरस का नियंत्रण. ट्रंप ने इस पर कहा कि कोरोना वायरस चला जाएगा और हमने इसे बहुत अच्छे से हैंडल किया है. बाइडेन ने उनका जवाब आंकड़ों से दिया कि औसतन 60 हजार लोग हर दिन बीमार पड़ रहे हैं और औसतन 1000 लोगों की मौत हो रही है. जो ने कहा इस मामले में सरकार ने गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार किया है और सर्दियों में और ज्यादा बुरे दिन आने वाले हैं.
दूसरा झूठ- 'वैक्सीन बस आ ही रही है'
ट्रंप ने कोरोना वायरस पर दूसरा झूठ बोला कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर. भारत में भी ये माहौल देखने को मिल रहा है कि वैक्सीन अब आई, तो तब आई. वैक्सीन फ्री में देने को लेकर चुनावी वादे हो रहे हैं. वैक्सीन के बारे में ट्रंप ने कहा कि वैक्सीन बस आ गई, चार ट्राइल चल रहे हैं. लेकिन सच्चाई ये है कि दो ट्राइल सस्पेंड किए जा चुके हैं, सिर्फ दो ट्रायल ही चल रहे हैं. US FDA ने अभी तक किसी को अप्रूवल नहीं दिया है और किसी को भी जानकारी नहीं है कि कब तक वैक्सीन आएगी. लेकिन ट्रंप ने वोटरों को भ्रम देने की कोशिश की बस अब वैक्सीन आने ही वाली है और सभी को टीका लग जाएगा, इसकी हम तैयारी कर चुके हैं.
रोजाना औसतन 15 झूठ बोलते हैं ट्रंप
ट्रंप अपने अभी तक के कार्यकाल में 20,000 झूठ बोल चुके हैं. जब राष्ट्रपति बने थे तो उनका रोज का औसत था 11 झूठ. आज का उनका रोजाना औसत 23-24 झूठ का चल रहा है. यानि अगर पूरा औसत निकाला जाए तो वो रोजाना करीब 15 झूठ बोलते हैं. भ्रमित करने वाली बात, गलत तथ्य, गलत दावों के लिए ट्रंप को पिनोकियो (Pinocchio) दिए जाते हैं. छोटा झूठ तो एक पिनोकियो और बड़ा झूठ तो 4 पिनोकियो. ट्रंप के झूठ बोलने की आदत को लेकर फैक्ट चेक इंडस्ट्री चलती है, जो सही बात खोजकर जनता के सामने रखती है.
डिबेट में किन सवालों पर हुई चर्चा?
- कोरोना से लड़ाई कैसी रही?
- इकनॉमी को कैसे बेहतर करेंगे?
- हेल्थ सिस्टम को सुधारने की क्या योजना है?
- जलवायु परिवर्तन को लेकर क्या नजरिया है?
- विदेश नीति के मोर्चे पर क्या योजना है?
- प्रवासियों को लेकर क्या नीति रहेगी?
ट्रंप और बाइडेट मुद्दों के दो छोर पर
ट्रंप-बाइडेन और इनकी पार्टियों का इन सभी मुद्दों को लेकर बिलकुल विपरीत मत है.
जैसे कि बाइडेन ने कहा कि ये बहुत अमानवीय होगा कि आप बच्चों को परिवारों से अलग कर दें, उनको जेल में डाल दें. बाइडेन ने ट्रंप पर आरोप लगाया कि आपका चीन के मामले में बहुत नरम रुख रहा है, वहीं ट्रंप ने कहा चीन पर तो आपकी नीतियां ज्यादा नरम रही हैं. बाइडेन ने कहा कि नॉर्थ कोरिया के तानाशाह के साथ दोस्ती करने की कोशिश कौन करता है. ट्रंप ने भ्रष्टाचार के मामले में बाइडेन पर बिना सबूत के निजी हमला करने की कोशिश की. बाइडेन ने भी ट्रंप से जवाब में टैक्स रिटर्न को लेकर सख्त सवाल पूछे. बाइडेन ने ट्रंप पर आरोप लगाया कि चीन, रूस और यूक्रेन के साथ आपके जो संबंध हैं उसमे भ्रष्टाचार हो रहा है. जवाब में ट्रंप ने भी यही कहा कि आप, आपका बेटा, भाई, चीन, यूक्रेन, रूस से संपर्क बनाते हैं. लेकिन इसका कोई सबूत ट्रंप न तो पहले दे पाए थे, न ही वो अब दे पाए हैं.
कोई नई चर्चा शुरू नहीं करेगी ये प्रेसिडेंशियल डिबेट
प्रेसिडेंशियल डिबेट का कुल मिलाकर हिसाब लगाएं तो इस आखिरी डिबेट से कोई ऐसा मुद्दा नहीं निकला जिससे कि पब्लिक ओपिनियन में बड़ा बदलाव आए. ज्यादातर लोग तय कर चुके हैं कि किसे वोट देना है. इसलिए अब इस चुनाव में फैंस सीटर्स ज्यादा लोग नहीं हैं. इसलिए इस डिबेट से कोई नई चर्चा शुरू हो ऐसी उम्मीद कम ही है. लोगों का कहना है कि ट्रंप के झूठ को छोड़ दिया जाए तो लगाम लगने की वजह से वो थोड़ी बेहतर छवि सामने लेकर आए. बाइडेन भी उनसे बेहतर छवि के साथ नजर आए.
अभी अंतिम अनुमान लगाना सही नहीं होगा!
ओपिनियन पोल पर अगर नजर डालें तो ट्रंप और बाइडेन के बीच में पॉपुलर वोट में करीब-करीब 9% का गैप है. ये गैप अब कम हुआ है. ट्रंप के बारे में विश्लेषकों का कहना है कि ओपिनियन पोल का डेटा गलत हो सकता है क्यों कि 2016 में भी ट्रंप को हारा हुआ बताया जा रहा था लेकिन तब वो जीत गए थे.
एक कारण ये भी है कि इलेक्टोरल कॉलेज की वोटिंग के आधार पर राष्ट्रपति को चुना जाता है. अमेरिका में अभी पेचीदगी ज्यादा है. इसलिए अभी कोई अनुमान लगाना कि ट्रंप चुनाव हार गए ये जल्दबाजी होगी. कई सारे राज्य जहां कड़ा मुकाबला है अगर वहां ट्रंप बेहतर कर जाते हैं तो वो इस चुनाव को जीत भी सकते हैं.
ट्रंप के इंडिया पर बिगड़े बोल
क्लाइमेट चेंज की बात करते हुए ट्रंप ने आज ये भी कहा कि रूस और चीन के अलावा भारत पूरी दुनिया में कचरा फैला रहा है. आपको याद होगा कि पिछली डिबेट में भी ट्रंप ने भारत के बारे में बोलते हुए कहा था कि कोरोना के मामले में भारत का प्रदर्शन सबसे बुरा रहा है.
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