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कोरोनावायरस लॉकडाउन: RBI के ऐलान सही, लेकिन इतना काफी नहीं

EMI में मोहलत, लोन के ब्याज में राहत-RBI के ऐलानों का आपके लिए क्या मतलब है?

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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महत्वपूर्ण ऐलान किए. उन्होंने जनता के लिए सभी तरह के लोन सस्ते किए. रेपो रेट में कटौती से आपकी ईएमआई घटेगी. साथ ही तीन महीने तक ईएमआई देने में राहत का भी ऐलान किया गया.

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देशभर में कोरोनावायरस की वजह से 21 दिन के लॉकडाउन के मद्देनजर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 1.70 लाख करोड़ रुपये के पैकेज और कई राहतों का ऐलान किया था. इसके बाद शुक्रवार सुबह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कर्ज से जुड़े फैसले सुनाए.

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चूंकि 31 मार्च सामने है इसलिए ये ऐलान जरूर करने चाहिए थे, ताकि कोई लोन डिफॉल्ट न हो, रेट कट वो चाहे बाद में कर लें.

लेकिन रेपो रेट को भी घटाया गया. पौने चार लाख की लिक्विडिटी अवेलेबल कराने के लिए रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कटौती की गई है. रेपो रेट 5.15% से घटाकर 4.40% कर दिया गया है. रिवर्स रेपो रेट 4% हो गया है. इससे बैंकों के लिए कॉस्ट ऑफ मनी कम हो गया. टर्म लोन की किस्त चुकाने में तीन महीने की छूट दी गई है. सभी कमर्शियल, रीजनल, रूरल, एनबीएफसी और स्मॉल फाइनेंस बैंकों को सभी तरह के टर्म लोन की इएमआई वसूलने से रोक दिया गया है. लोन डिफॉल्ट नहीं माना जाएगा. क्योंकि बैंकों को 3 महीने में एनपीए डिक्लेयर करना होता है तो उन्हें इसमें राहत दे दी गई है.

आरबीआई ने बता दिया कि कोविड-19 के असर से निपटने की तैयारी युद्धस्तर पर है.

लेकिन ये बूस्टर के तौर पर नहीं है. इकनॉमी के रिवाइवल के लिए नहीं है. इसके लिए और बड़े कदम उठाने होंगे. फिलहाल इसकी जरूरत तो थी ताकि कोरोनावायरस की वजह से अर्थव्यवस्था को दिक्कत न आए. देखिए मेरे साथ इन ऐलानों की एनालिसिस ब्रेकिंग व्यूज में.

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