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मुजफ्फरनगर: मेरे नूर को किसने गोली मारी? रो-रोकर पूछ रहा परिवार

ग्राउंड रिपोर्ट: नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन में नूर मोहम्मद को लगी थी गोली

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वीडियो एडिटर: विशाल कुमार
वीडियो प्रोड्यूसर: देबायन दत्ता

कैमरा- शिव कुमार मौर्या

नागरिकता कानून के खिलाफ 20 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था. मुजफ्फरनगर में ऐसे ही प्रदर्शन के दौरान 26 साल के युवक नूर मोहम्मद की मौत हो गई. द क्विंट को मिली जानकारी के मुताबिक, नूर मोहम्मद की मौत गोली लगने से हुई है. लेकिन अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि गोली पुलिस ने ही चलाई है या नहीं.

द क्विंट मुजफ्फरनगर के दक्षिणी खालापारा पहुंचा, जहां नूर मोहम्मद की विरोध प्रदर्शन में हुई हिंसा में गोली लगने से मौत हुई थी. परिवार के मुताबिक, घायल होने के तुरंत बाद उन्हें मुजफ्फरनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें मेरठ के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया. वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

परिवारवालों का कहना है कि उन्हें अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि नूर मोहम्मद के शव को मुजफ्फरनगर ले जाकर दफनाने से पुलिस ने मना किया था. पुलिस ने जोर दिया कि शव को मेरठ के दौराला के कब्रिस्तान में ही दफनाया जाए. शव को दफनाने के लिए सारा इंतजाम भी पुलिस ने किया.

“पुलिस की गोली नहीं चली”

मुजफ्फरनगर सिटी एसपी सतपाल ने कहा कि वो पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही इस मामले पर कुछ बोल सकते हैं, लेकिन उन्होंने साफ इनकार कर दिया कि पुलिस की ओर से गोली चलाई गई थी.

उन्होंने बताया,

“एक मौत हुई थी और भीड़ में किसी ने गोली चला दी थी. पुलिस ने एक भी गोली नहीं चलाई है. मौत भीड़ की वजह से हुई. हमें जो जानकारी है, उसके मुताबिक पीड़ित को इलाज के लिए मेरठ ले जाया गया, लेकिन वहां से वो मृत लाया गया. उनके पूरे परिवार के सामने पोस्टमार्टम किया गया था. शव उन्हें सौंप दिया गया और शव को दौराला में दफनाया गया. ”

“मुझे अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिली है. एक बार इसे देखने के बाद मैं आपसे बात करूंगा.” उन्होंने द क्विंट से कहा.

पूरे प्रदेश में 164 केस दर्ज

बता दें कि पूरे प्रदेश में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं में 17 लोगों की मौत हो चुकी है. 164 केस दर्ज किए गए, 879 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 5,312 लोगों को हिरासत में लिया गया. 288 पुलिस कर्मियों को चोटें आईं, जिनमें 61 फायरिंग में घायल हुए.

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