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CAA प्रदर्शन: UP पुलिस ने दिए करंट के झटके-वकील

25 साल के मोहम्मद फैसल एक वकील हैं

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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

25 साल के मोहम्मद फैसल एक वकील हैं. दिसंबर 2019 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना जिले से एक रिपोर्ट आई कि- नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों को गिरफ्तार किया जा रहा है. इस रिपोर्ट के बाद फैसल दिल्ली से कैराना गए.

फैसल, नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन (NCHRO) के सदस्य के तौर पर कैराना गए थे, ताकि वो नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को कानूनी मदद दे सकें, जिन्हें यूपी पुलिस ने हिरासत में लिया था.

23 दिसंबर 2019 को फैसल को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, फैसल का आरोप है कि पुलिस ने उनके खिलाफ सबूत 'प्लांट' किए और उन्हें टॉर्चर किया.

कैराना में किसी को चोट नहीं आई, न ही कोई हिंसा हुई. लेकिन फिर भी लोगों को गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार किया गया. उन्हें रात में गिरफ्तार किया गया. मैं ऐसे 10-11 लोगों को कानूनी मदद देने के लिए गया था. वो नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.
मोहम्मद फैसल, वकील

फैसल को 14 दिन की कस्टडी में रखा गया और फिर 07 जनवरी 2020 को छोड़ा गया.

उन्होंने मुझे हाथों पर बेल्ट से मारा और छड़ी से भी मारा, पीठ पर बिजली के झटके दिए गए, इसके बाद मुझे जेल में बंद कर दिया गया, उन्होंने मुझे गालियां भी दीं और धर्म को लेकर भी कई बातें कहीं, ऐसा लग रहा था कि पुलिस में एक खास समुदाय को लेकर गुस्सा है.
मोहम्मद फैसल, वकील

जब क्विंट ने कैराना पुलिस से इसकी जानकारी मांगी तो उन्होंने कहा कि उनके पास फैसल के खिलाफ सबूत थे और वो जल्द ही उसके खिलाफ चार्जशीट फाइल करेंगे, यूपी पुलिस ने शारीरिक यातनाओं से इंकार किया.

दूसरी तरफ फैसल यूपी पुलिस के खिलाफ केस करने की तैयारी में जुटे हैं. उनका कहना है पुलिस ने उनके 3,700 रुपये और उनकी घड़ी भी ले ली, जो गिरफ्तारी के वक्त उनसे ली गई थी लेकिन अभी तक लौटाई नहीं गई.

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