9 अक्टूबर, 2015 को छोटी निर्भया के साथ बलात्कार और क्रूरता हुई थी. दरिंदों ने उसे उसकी झुग्गी के पास रेलवे ट्रैक के पास मरने के लिए छोड़ दिया था. उस वक्त उसकी उम्र सिर्फ 4 साल थी. इस मामले को 2 साल से ज्यादा वक्त गुजरने को हैं.
2015 के बाद से हर साल द क्विंट छोटी निर्भया से मिलने जा रहा है. हम इस साल भी उसके साथ एक दिन बिताने, ये जानने के लिए गए कि ये नन्हीं सी जान कैसे उबर रही है.
उसे स्कूल जाना और पढ़ाई करना बहुत अच्छा लगता है. इसलिए उसकी ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई के लिए द क्विंट ने भी पैसा जुटाया है.
छोटी निर्भया के चेहरे पर आज भी वो निशान हैं, जो रेपिस्ट ने ब्लेड से वार करके बनाए थे. सफदरजंग अस्पताल में उसे ठीक होने के लिए 28 दिन का समय लगा था. बच्ची की मां बताती है कि शुरू में एक महीने तक डर के कारण वो स्कूल नहीं जाती थी. उसकी मां क्लास रूम में बच्ची के साथ बैठती थी. हालांकि आज वो निडर है लेकिन कभी-कभी पुरानी यादें डरा देती हैं.
छोटी निर्भया को मिल गई है एक खास दोस्त
छोटी निर्भया के चारों ओर की दुनिया अंधेरी होती जा रही है. लेकिन 6 साल की इस चहकती लड़की को एक खास दोस्त मिल गया है. पिछले 2 सालों में छोटी निर्भया मेरी दोस्त बन गई है. हम लोग एक बार हॉल में मूवी भी देखने गए थे. वो मेरे साथ सबकुछ शेयर करती है.
छोटी निर्भया रेप केस का आरोपी अभी भी न्यायिक हिरासत में है, लेकिन आखिरी सुनवाई हुए काफी वक्त बीत चुका है. आरोपी के परिवार ने छोटी निर्भया के परिवार को धमकी देकर केस बंद करने के लिए उन्हें पैसे देने की बात कर रहे हैं.
उसके परिवार ने न्याय के लिए आस लगा रखी है. छोटी निर्भया के लिए सचमुच ये भूलना मुश्किल है क्योंकि परिवार झुग्गी से बाहर जाने की हालत में नहीं है. हम सभी चाहते हैं कि वो जिंदगी में आगे बढ़े और उसे अंधेरी-काली यादों से छुटकारा मिले.
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