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बहुत याद आएंगीं, ठुमरी की ‘मल्लिका’ गिरिजा देवी

गिरिजा को ठुमरी की ‘मल्लिका’ भी कहा जाता था और प्यार से लोग उन्हें ‘अप्पाजी’ बुलाते थे.

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पद्म विभूषण से सम्मानित मशहूर शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी का मंगलवार रात निधन हो गया. 88 साल की गिरिजा देवी को हार्ट अटैक के बाद कोलकाता के एक अस्पताल में एडमिट कराया गया था.

उनके परिवार में उनकी एक बेटी हैं. गिरिजा को ठुमरी की 'मल्लिका' भी कहा जाता था और प्यार से लोग उन्हें ‘अप्पाजी’ बुलाते थे.

9 साल की उम्र में सीख ली थी संगीत की कई शैलियां

गिरिजा देवी का जन्म 8 मई 1929 को बनारस में हुआ था. उन्हें न केवल देश बल्कि विदेशों में भी सराहा गया. उनके पिता रामदेव राय एक जमींदार थे, जो एक संगीत प्रेमी भी थे. बचपन में ही उन्होंने गिरिजा देवी के लिए संगीत की शिक्षा का इंतजाम कर दिया था. उनके शुरुआती गुरु पंडित सरयू प्रसाद मिश्र थे. 9 साल की उम्र में पंडित श्रीचन्द्र मिश्र से उन्होंने संगीत की कई शैलियों के सबक हासिल किए.

बनारस घराने की गायिका गिरिजा देवी को साल 1972 में पद्श्री सम्मान मिला था. साल 1989 में उन्हें पद्म भूषण और 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. वो पिछले 25 सालों से कोलकाता के टॉलीगंज में संगीत रिसर्च एकेडमी में रह रही थी. हालांकि, उनका बनारस से रिश्ता टूटा नहीं था. वो बनारस आने का कोई भी मौका नही छोड़ती थी. हर छोटे- बड़े कार्यक्रम में मौजूद रहती थी.

पीएम मोदी ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश की तमाम हस्तियों ने गिरिजा देवी के निधन पर शोक जताया है. पीएम ने अपने ट्वीट में कहा, ‘गिरिजा देवी की संगीतमय अपील पीढ़ियों के भेद से ऊपर थी और भारतीय शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाने के उनके प्रयासों को हमेशा याद रखा जाएगा. भारतीय शास्त्रीय संगीत जगत ने अपनी खूबसूरत आवाजों में से एक को खो दिया. मेरी संवेदनाएं उनके प्रशंसकों के साथ हैं.’

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