बीआर अंबेडकर की अध्यक्षता वाली ड्राफ्टिंग कमेटी को दुनिया का सबसे बड़ा संविधान बनाने में लगभग 3 साल (2 साल 11 महीने 18 दिन) लगे थे. संविधान में उस वक्त 345 आर्टिकल थे. आज के ही दिन 1949 में संविधान बनकर तैयार हुआ था. इस दिन को हम संविधान दिवस के रूप में मनाते हैं.
संविधान की शुरुआत प्रस्तावना से होती है. इसका आइडिया अमेरिका से लिया गया था. इसमें संविधान का लक्ष्य और मूल्य बताए गए हैं. प्रस्तावना में ही इस बात को बताया गया है कि संविधान की ताकत का मूल भारत के लोग हैं.
हमारे संविधान की प्रस्तावना एक 'स्वतंत्र लोकतांत्रिक गणराज्य' बनाने की बात करती है. इसमें आजादी, न्याय जैसे मूल्य भी शामिल हैं.
प्रस्तावना में 1976 में 42 वें संविधान संशोधन से धर्मनिरपेक्ष और समाजवाद जैसे शब्द जोड़े गए. यह मूल्य संविधान बनाने वाले निर्माताओं की समझ का ही परिणाम था.
लेकिन पिछले कुछ सालों में इन मूल्यों मे गिरावट दर्ज हुई है. इन पर लगातार हमले हो रहे हैं. इस वीडियो में हमने कुछ बच्चों को प्रस्तावना पढ़वाई है, ताकि हम याद कर सकें कि हमारे संविधान में कौन से मूल्य मौजूद हैं.
संविधान की प्रस्तावना
हम भारत के लोग भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न समाजवादी पंथ निरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिक को : सामाजिक, आर्थिक, और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर 1949 ई. को एतद् द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित, और आत्मार्पित करते हैं.
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