ADVERTISEMENTREMOVE AD

नहीं दिखता शहर से हांका गया बेबस गरीब, क्योंकि अभी कोई रैली नहीं 

कोरोनावायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के बाद हजारों की संख्या में मजदूर वापस घर लौट रहे हैं

Updated
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

कोरोनावायरस की वजह से देशभर में लॉकडाउन है. अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए दैनिक मजदूर, गरीब जैसे शहरों में फंस गए हैं. उनके पास रेंट के मकान का किराया देने के लिए पैसे नहीं हैं. लॉकडाउन में काम नहीं कर पा रहे तो खाने के लिए पैसे नहीं हैं. ऐसे में ये लोग गांव लौटने की कोशिश में लगे हुए हैं. गाड़ियां और अन्य साधन उपलब्ध न होने की वजह से वो पैदल ही अपने सफर पर निकल गए हैं. इनकी बेबसी इनके चेहरे पर साफ झलक जाती है. इनकी बेबसी और शासन की उदासीनता को बयां करती है ये कविता

मैंने महा पलायन की वीडियो कथाओं में क्या देखा?

नीला आसमान
ऊंची इमारतें
चमकदार चौड़ी सड़कें
हरे-भरे पेड़
सब कितना खूबसूरत
मेरा भव्य भारत

मैंने इन वीडियो में क्या नहीं देखा?

बेबस बदसूरत गरीब

शहर से हांका हुआ

गांव की तरफ भूखा भागता हुआ

शायद आधारहीन, डाटामुक्त है ये बेघर

तो कैसे दिखेगा मुझे ये?

इन वीडियो में नहीं सुना मैंने कि

सैकड़ों किलोमीटर चलेंगे ये लोग

एक मां और उसकी दिव्यांग बेटी

अनगिनत लोग

मुझे नहीं दिखा कि ये बिना सवारी हैं

क्योंकि अभी कोई रैली नहीं

ये गैर जरूरी हैं

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×