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कोरोना वायरस:‘लालू तेरा क्या है कहना’, लोक संगीत के जरिये जागरुकता

राजस्थान: जनजातीय भाषा वागड़ी में लिखे गाने और लोक संगीत के जरिये COVID-19 को लेकर जागरुकता  

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वीडियो एडिटर: संदीप सुमन

देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है. राजस्थान के उदयपुर में कलाकार कोरोना वायरस को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए इस समय का इस्तेमाल कर रहे हैं. वे राज्य के दक्षिणी भाग में बोली जाने वाली जनजातीय भाषा वांगड़ी का इस्तेमाल कर लोक संगीत के जरिये जागरूकता फैला रहे हैं. ये खासतौर पर उन लोगों तक पहुंचने के लिए है जो हिंदी या अंग्रेजी नहीं बोलते-समझते हैं.

राजस्थान में भीलवाड़ा जिला कोरोना वायरस के चपेट में सबसे ज्यादा है.

इस वीडियो में, लक्ष्मण लाल गुज्जर और थावरचंद खंडेरा एक गीत गा रहे हैं जिसे उन्होंने खुद लिखा है. वे राजस्थान के उदयपुर जिले की झाडोल तहसील के माद्री गांव में ये गीत गा रहे हैं. ढोलक पर उनका साथ भूपेंद्र गुज्जर दे रहे हैं.

राजस्थान के उदयपुर जिले मेंजो लोग अंग्रेजी या हिंदी नहीं समझ सकतेउनके लिए ये तिकड़ीजनजातीय भाषा वागड़ी में लिखेगाने और लोक संगीतके जरिये COVID-19 को लेकर फैला रही है जागरुकता
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गीत के बोल कुछ इस तरह से हैं-

लालू तेरा क्या कहना है
14 अप्रैल तक हम सब को घर में रहना है
देश मे कोरोना फैल गया है
14 अप्रैल तक घर में ही रहना है
कोरोना बहुत खराब कहलाता है
14 अप्रैल तक घर में ही रहना है
मोदी सरकार की बात माननी है
14 अप्रैल तक घर में ही रहना है
देश को परिवार समझना है
14 अप्रैल तक घर में ही रहना है
खांसी और बुखार वालों की जांच करानी है
14 अप्रैल तक घर में ही रहना है
सांसों में तकलीफ वाले की जांच करानी है
14 अप्रैल तक घर में ही रहना है
छींक और खांसी के वक्त मुंह ढकना है
14 अप्रैल तक घर में ही रहना है
साबुन-पानी से हाथ धोते रहना है
14 अप्रैल तक घर में ही रहना है
एक-एक मीटर की दूरी पर रहना है

14 अप्रैल तक घर में ही रहना है

मेले और शादी-ब्याह में नहीं जाना है
14 अप्रैल तक घर में ही रहना है
कोरोना का भूत मिटाना है
14 अप्रैल तक घर में ही रहना है
गीत गाकर बता रहा हूं समझ जाना लालू
14 अप्रैल तक घर में ही रहना है
देशभक्ति निभानी है लालू
14 अप्रैल तक घर में ही रहना है
लालू तेरा क्या कहना है
14 अप्रैल तक हम सब को घर में रहना है

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