क्या जिसके पास CoWin नहीं है ,उसे कोरोना वैक्सीन नहीं मिलेगी? और जिसके गांव में इंटरनेट ही नहीं या जिसके पास फीचर फोन ही नहीं, उन्हें टीका कैसे लगेगा? इन सारे सवालों के जवाब हमने उस व्यक्ति से लिए जो इस वक्त कोरोना वैक्सीनेशन अभियान में एक अहम भूमिका निभा रहे हैं. क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने एम्पावर्ड पैनल फॉर कोविड एडमिनिस्ट्रेशन के चेयरमैन आरएस शर्मा से खास बातचीत की.
वैक्सीन पाने के लिए जरूरी नहीं ऐप
आरएस शर्मा ने बताया कि जिनके पास CoWin है, वो उसके जरिए अपनी प्री बुकिंग करा सकते हैं. जगह और तारीख तय करा सकते हैं, लेकिन जिनके पास ऐप नहीं है वो भी कॉल सेंटर पर फोन करके प्री बुकिंग करा सकते हैं. ये काम किसी दूसरे के फोन से भी संभव और किसी गांव में इंटरनेट वगेरह की दिक्कत है तो वो जनसेवा केंद्र के जरिए वैक्सीन के लिए एडवांस बुकिंग करा सकते हैं. दरअसल ये सारा काम CoWin के जरिए होगा, क्योंकि CoWin कोई ऐप नहीं, प्लेटफॉर्म है. ये सारी सुविधाएं तब मिलेंगी जब सरकार हरी झंडी दिखाएगी.
इतना ही नहीं आने वाले वक्त में लोग वॉक-इन टीका भी ले सकते हैं यानी किसी प्री बुकिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी. हालांकि प्री बुकिंग में जगह और तारीख का पता रहेगा. वॉक इन टीके के लिए आपके पास ऐसा पहचान पत्र होना चाहिए, जिसमें आपका नाम, उम्र और फोटो हो.
वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी क्यों?
सरकार का टारगेट है कि जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को टीका लगा दिया जाए, लेकिन मौजूदा रफ्तार में ये टारगेट पूरा होता नहीं दिख रहा. तो इस धीमी रफ्तार के पीछे वजह क्या है? क्या इसके पीछे CoWin में आ रही कोई गड़बड़ी है? आरएस शर्मा का कहना है जिन लोगों ने भी CoWin में गड़बड़ी की खबरें चलाई हैं, वो गलत चलाई हैं. शुरुआती एक दिन में गड़बड़ी आई थी लेकिन वो भी डेटा एंट्री की गड़बड़ी थी, न कि प्लेटफॉर्म की.
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