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DDCA Elections: क्यों हो रहा है इतना खर्चा, क्या है चुनावी गणित?

शनिवार को DDCA का चुनाव हुआ, जहां प्रेसिडेंट समेत कई पोस्ट के लिए वोट डाले गए

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शनिवार को दिल्ली डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन यानी DDCA का चुनाव हुआ, जहां प्रेसिडेंट समेत कई पोस्ट के लिए चुनाव हो रहे हैं.  पांच साल बाद हो रहे इस चुनाव में एक तरफ मीडिया में बड़ा नाम और न्यूज चैनल इंडिया टीवी के मालिक रजत शर्मा हैं. दूसरी तरफ 1983 में वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे मद्दी पाजी मतलब मदन लाल और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट विकास सिंह हैं.

साल 1883 मतलब आजादी से पहले बना DDCA अब तक का सबसे महंगा इलेक्शन कैंपेन देख रहा है. मतलब, चुनावी प्रचार के लिए बजट की कोई लिमिट है या नहीं, समझ नहीं आ रहा.

ये चुनाव इतनी चर्चा में क्यों है?

ये चुनाव खास इसलिए हैं क्योंकि इसमें वोटरों को लुभाने के लिए तमाम रास्ते अपनाए गए. करीब 4,000 मेंबर वाली डीडीसीए के इस चुनाव में FM रेडियो से लेकर सोशल मीडिया में प्रचार जोरों पर रहा. चुनाव प्रचार में वादों के साथ इमोशन भी है. रजत शर्मा प्रचार में अपने बचपन की कहानी सुनाते दिखे, तो विकास सिंह DDCA में ट्रांसपेरेंसी की कमी और राजनीति के कारण उनके बेटे का अंडर-14 में सेलेक्शन नहीं होने की बात कर मेंबर्स को मनाने में लगे रहे.

वहीं इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कोच मदन लाल 1983 के वर्ल्ड कप की जीत को याद करा रहे हैं. किसी ने फर्स्ट क्लास स्टेडियम का वादा किया है, तो कोई बढ़िया बार और स्पा के सपने दिखा रहा है.

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जहां वोटरों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए रजत शर्मा दिल्ली के रौशन आरा क्लब में पार्टी करते हैं, तो दूसरी तरफ वकील विकास सिंह सिंगर अदनान सामी के म्यूजिकल नाइट के जरिए DDCA की कुर्सी तक पहुंचना चाह रहे हैं. वहीं मदन लाल महंगे खेल में थोड़े दूर 'चाय पर चर्चा' कर DDCA का प्रेसिडेंट पद पाना चाहते हैं.

अब खर्चे की बात तो हो गई, लेकिन कुछ बदलाव भी हुए हैं. जैसे-

प्रॉक्सी वोटिंग सिस्टम का हटना. इस बार प्रॉक्सी सिस्टम नहीं है. मतलब अब कोई किसी और की जगह वोट नहीं डालेगा.

अब इतना सब कुछ हुआ है, तो गुट भी तो बनना ही था.

मदन लाल को कपिल देव, श्रीकांत, सुनील गावस्कर जैसे बड़े खिलाड़ियों का साथ है, तो रजत शर्मा को गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग, आकाश चोपड़ा जैसे खिलाड़ियों का. सोशल मीडिया पर कभी एक ग्रुप का वीडियो शेयर होता है, तो कभी दूसरे ग्रुप का.

बता दें कि कुछ साल पहले बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद ने डीडीसीए में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. वो अलग बात है कि अब तक वो मामला ठंडे बस्ते में है. 

इन सबके बावजूद सवाल उठता है कि एक डिस्ट्रिक्‍ट के क्रिकेट एसोसिएशन का ही तो चुनाव है, फिर इतना हाइप क्यों?

तो शायद विराट कोहली, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, बिशन सिंह बेदी, कीर्ति आजाद जैसे बड़े क्रिकेटर देने वाला DDCA एक हाई प्रोफाइल क्रिकेट एसोसिएशन है, जो BCCI तक अपनी दखल रखता है. तो ऐसे में इसका प्रेसिडेंट बनना बड़ी बात है.

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