ADVERTISEMENTREMOVE AD

Facebook का अब क्या करें- Like, Dislike या Delete?

आपकी सिक्योरिटी और प्राइवेसी खतरे में है, क्या अब भी फेसबुक पर बने रहेंगे आप या दबाएंगे डिलीट का बटन?

छोटा
मध्यम
बड़ा

फेसबुक यूजर्स पिछले कुछ समय से इस सोशल नेटवर्किंग साइट से खास खुश नहीं हैं. फेसबुक से डाटा के चोरी होने की खबर ने पूरी दुनिया में भूचाल ला दिया है. राजनीतिक तौर पर ये इस वक्त भारत में सबसे गर्म मुद्दा है. ऐसे में एक बहस छिड़ गई है कि क्या अब फेसबुक को डिलीट करने का वक्त आ गया है, या फिर फेसबुक पर बने रहना चाहिए?

ADVERTISEMENTREMOVE AD
ये कोई राजनीतिक कदम नहीं और मैं ये इसलिए नहीं कर रहा क्योंकि किसी ने मुझे ये करने के लिए उकसाया. मुझे फेसबुक पसंद नहीं, मुझे थोड़ा चालाक लगता है. सॉरी
एलन मस्क, CEO, Tesla

एलन मस्क के बाद बॉलीवुड एक्टर फरहान अख्तर ने भी ट्विटर पर ऐलान किया कि वो अपना फेसबुक पेज डिलीट करने जा रहे हैं.

गुड मॉर्निंग. मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैंने अपना पर्सनल फेसबुक अकाउंट हमेशा के लिए डिलीट कर दिया है. हालांकि मेरा वैरिफाइड फरहान अख्तर live पेज एक्टिव रहेगा.
फरहान अख्तर, एक्टर, बॉलीवुड

महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी एक इंडियन सोशल नेटवर्किंग कंपनी के आइडिया के बारे में बात की, साथ ही उसे फंडिंग देने में दिलचस्पी दिखाई.

0

आखिर क्यों चल रही ये बहस?

ब्रिटेन की कंसल्टेटिंग कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका पर फेसबुक के पांच करोड़ यूजर्स के डाटा का दुरुपयोग करने के बाद फेसबुक विवादों में घिर गया. दरअसल, फेसबुक में डाटा चोरी का ये ताजा मामला एक एप्लीकेशन के जरिए ही हुआ है. एक ब्रिटिश प्रोफेसर एलेक्जेंडर कोगेन ने थर्ड पार्टी एप्लीकेशन के जरिए ही करीब 2.7 लाख यूजर्स का डाटा हासिल किया था, जो इन यूजर्स के फेसबुक फ्रेंड्स को मिलाकर कुल 5 करोड़ यूजर्स का डाटा हो गया. जिसे ब्रिटिश डाटा एनालिटिक्स फर्म ‘कैंब्रिज एनालिटिका’को दिया गया. इसी डाटा के दुरुपयोग का आरोप लगाया जा रहा है.

2017 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में फेसबुक के 24 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं. दुनिया में सबसे ज्यादा फेसबुक यूजर करीब 11 फीसदी अपने ही देश में हैं. फेसबुक की 'भाषा' में बोले तो सबसे बड़ा 'डेटा बाजार' भारत है, जहां कुछ महीनों में आम चुनाव से लेकर कुछ विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. अब ऐसे में फेसबुक यूजर्स के डेटा चुराकर उसके प्रोफाइलिंग और 'साइकोलॉजिकल प्रोफाइलिंग' के जरिए जो चुनावों में धांधली के आरोप लग रहे हैं, वो बड़ी मुसीबत बन सकता है. हाल ही में इस पूरे मामले के व्हिसल ब्लोअर क्रिस्टोफर विली ने दावा किया है कि 2009 आम चुनाव समेत कई चुनाव में कैंब्रिज एनलिटिका की मूल कंपनी ‘स्ट्रेटेजिक कम्यूनिकेशन लेबोरेटरीज' (SCL) का दखल रहा है. ऐसे में ये बहस और ज्यादा तेज हो गई है. अब आप ये वीडियो देखिए और खुद निर्णय कीजिए कि फेसबुक पर रहना चाहिए या नहीं...

वीडियो एडिटर- पुर्णेंदू प्रीतम

कैमरापर्सन- अथर राथर

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×