प्रोड्यूसर- कबीर उपमन्यु
वीडियो एडिटर- मोहम्मद इरशाद
कैमरापर्सन- नितिन चोपड़ा
उत्तर पश्चिम दिल्ली के किनारे बसा झीमारपुरा गांव सांसद उदित राज के नेतृत्व में खुले में शौच मुक्त बनने वाला था. काफी प्रचार भी हुआ, लेकिन अब गांव में पहुंचने पर सांसद के अधूरे वादों के बारे में पता चलता है.
क्विंट ने इस गांव में पहुंचकर सरकार के 'खुले में शौच मुक्त' वादे की हकीकत का जायजा लिया. मालूम हुआ कि गांव के ज्यादातर शौचालय अधूरे बने हुए हैं और किसी काम के नहीं हैं. कुछ शौचालय जो सही हैं, वहां उदित राज का नाम प्रमुखता से लिखा दिखता है. गांववाले शौच के लिए अब भी खुले मैदान में जाते हैं. इसलिए सुरक्षा भी बड़ी समस्या है.
झीमारपुरा गांव के स्थानीय राजू कहते हैं कि वहां पिछले एक साल से शौचालय बनाने का प्रोसेस ही चल रहा है. "यहां 60-70 शौचालय बनने थे, लेकिन सिर्फ 10 शौचालय बने."
इसी गांव के पप्पू अधूरे शौचालय की हालत दिखाते हुए कहते हैं कि सरकार ने शौचालय के लिए गड्ढे खुदवा दिए बस, आगे कुछ काम नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, "एक साल से शौचालय के लिए गड्ढा खुदा हुआ है. इस बीच इस गड्ढे में 2-3 भैंस भी गिर चुकी हैं. और इसके अंदर नाली का पानी भरा हुआ है."
राजरानी के घर बने शौचालय की भी यही स्थिति है. सरकार ने उनके घर सिर्फ टॉयलेट का ढांचा बनाकर खड़ा कर दिया है, लेकिन उसमें न छत है और न ही टॉयलेट शीट. इनको भी एक साल हो गया है.
'खेत में शौच के लिए मजबूर महिलाएं'
सरकार के 'खुले में शौच से मुक्त' अभियान के बावजूद गांव की तमाम महिलाएं आज भी खेतों में जाकर शौच करने के लिए मजबूर हैं. झीमारपुरा गांव की निवासी सुनीता ने क्विंट को बताया, जब वो खेत में शौच के लिए जाती हैं, तो वहां जमींदार लोग उन्हें गाली देते हैं. उन्होंने बताया, "जब मैं एक दिन सुबह 5 बजे खेत में शौचालय के लिए गईं, तो एक शख्स मेरे पीछे लग गया. वो मुझसे पूछने लगा कि मैंने वहां शौच क्योंकि. मुझसे झगड़ा करने लगा." सुनीता ने भी बताया कि रात में भी शौच जाने में परेशानी होती है, रास्ते में कई नशेड़ी बैठे मिलते हैं.
झीमारपुरा के गांववालों में अपने सासंद उदित राज के लिए नाराजगी साफ तौर पर दिखती है. वो अपने सांसद से सिर्फ एक सवाल पूछना चाहते हैं, 'क्या हुआ तेरा वादा'?
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