लॉकडॉउन में पूरा देश इस वक्त थम गया है. द क्विंट की संवाददाता पूनम अग्रवाल, इन्हीं हालातों का जायजा लेने दिल्ली से झारखंड में रांची की यात्रा पर निकालीं. यह यात्रा 1300 किलोमीटर से ज्यादा लंबी थी.
दिल्ली से हमने सुबह साढ़े तीन बजे सफर शुरू किया. झारखंड पहुंचने के लिए हमें उत्तरप्रदेश और बिहार पार करने होंगे.
प्राइवेट टोल चालू
दिल्ली से निकलने के बाद हमें प्राइवेट टोल चालू होने के कारण टोल देना पड़ा. ओरैया पहुंचने में हमें चार घंटे लगे. यहां दुकानदार सुधीर गुप्ता ने बताया कि 'बड़े स्तर पर बेरोजगारी आ गई है. कभी कभार दुकान खोलते हैं. फिर पुलिस आकर लॉकडॉउन के चलते बंद करवा देती है.'
कानपुर से आगे हम हाईवे पर ही रहने वाली सोनिया से मिले. लोहे का काम करने वाला उनका परिवार हाईवे पर ही खानाबदोश तरीके से रहता है. उन्होंने बताया कि अब कोई सामान खरीदने वाला नहीं है. लोग कभी-कभी खाना दे जाते हैं. लेकिन कुछ भी उपलब्ध नहीं है. न कोई आय बची है.
नहीं हुई किसी तरह चेकिंग, ट्रक वालों के लिए मुसीबत
हाईवे पर ढाबे बंद होने के चलते ट्रक वालों की मुसीबत हो गई है. जयपुर से रांची ट्रक ले जा रहे जाकिर खान इसके चलते खुद खाना बना रहे हैं. इसके लिए उन्होंने बर्तन भी ट्रक सवारों से इकट्ठे किए हैं. उत्तरप्रदेश के सफर में किसी भी तरह की दुकान नहीं खुली थी. न ही खाने के लिए कुछ मिला. बस चाय मिली. वह भी एक टपरी पर.
उत्तरप्रदेश पार करते समय हमें पुलिस ने कहीं नहीं रोका. न ही प्रेस कॉर्ड मांगा गया.
बिहार में एंट्री
850 किलोमीटर के सफर के बाद हमने बिहार में एंट्री की. यहां एक ढाबा खुला मिला. लेकिन वहां खाना नहीं था. इसके बाद हम एक पेट्रोल पंप पर रुके. यहां पेट्रोल पंप के मालिक सुरेन कुमार बताते हैं कि पांच से छ: हजार की खपत वाले पेट्रोल पंपों पर 500 लीटर से ज्यादा की खपत नहीं है.
झारखंड में कड़ी जांच
झारखंड बॉर्डर पर जबरदस्त चेकिंग थी. यहां बाहर से आए कुछ प्रवासी मजदूरों को शिविर बनाकर रुकवाया गया था. यहां रुके दिहाड़ी मजदूरों ने अपनी समस्याएं बताईं कि कैसे ज्यादा पैसा देकर वे दूर-दराज के शहरों से यहां पहुंचे. पुलिस का कहना है कि राज्य में प्रवेश करने वालों को 14 दिन क्वारंटाइन में रहना होगा.
पढ़ें ये भी: कोरोना संकट: अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकनॉमी के सपने का क्या होगा?
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)