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टॉर्चर, भूख...डॉ. कफील खान ने बताया- जेल में कैसे बिताए 7 महीने

कफील खान बताते हैं कि पहले जब जेल गया तब मानसिक प्रताड़ना झेलना पड़ा था, इस बार शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया गया.

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टॉर्चर के बारे में मैं अपने परिवार को कभी बताता नहीं था. जब भी बात होती तो मैं कहता था कि मैं ठीक हूं क्योंकि मैं उनको और दुख नहीं देना चाहता था. मुझे बहुत फिजिकल टॉर्चर किया गया. मुझे नंगा कर पीटा गया. मुझसे अजीब तरह के सवाल किए गए.”
डॉक्टर कफील खान

इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद डॉक्टर कफील खान (Kafeel Khan) 7 महीने बाद जेल से रिहा हो चुके हैं. लेकिन जेल की कहानी सुनाते हुए वो कई बार भावुक हो जाते हैं.

गोरखपुर BRD मेडिकल कॉलेज के निलंबित प्रवक्ता डॉक्टर कफील खान को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत जेल में रखा गया था. लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में उनकी हिरासत को गैर कानूनी बताया है.

क्विंट से बात करते हुए कफील खान बताते हैं कि उन्हें जेल में शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया. शुरू के 4 से 5 दिन तक उन्हें खाना नहीं दिया गया.

“भूख मिटाने के लिए मैं अपने कपड़े चबाता था. उस वक्त इतनी भूख लगती थी कि लगता था कि अंतड़ियां सिकुड़ गई हैं. 3 रोटी खाने को दी जाती थी. पानी में डुबोकर खाता था. तीन दिन एक गिलास पानी से काम चलाना पड़ा था.”
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बता दें कि कफील खान पर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 13 दिसंबर 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने का आरोप ‌लगाया गया था. जिसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने कफील खान को 29 जनवरी को मुंबई से गिरफ्तार किया था. उन्हें इस मामले में जमानत मिलने के बाद उन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने एनएसए लगा दिया था.

कफील खान बताते हैं, “मैं पहले भी झूठे आरोप में जेल जा चुका हूं, लेकिन इस बार अनुभव बहुत अलग था. इससे पहले जब जेल गया तब मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी थी, इस बार शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया गया."

क्या उत्तर प्रदेश छोड़ देंगे?

डॉक्टर कफील से जब उनकेी आगे की जिंदगी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "बीआरडी अस्पताल में बच्चों की मौतों के मामले में मैं निर्देष साबित हुआ तो CAA-NRC केस में फंसाया गया. मैं झुकुंगा नहीं, और ना ही उत्तर प्रदेश छोड़ने वाला हूं. अगर आप गलत नहीं हैं तो लोगों के आंख में आंख मिला कर कह सकते हैं कि मैं गलत नहीं हूं.”

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