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मंदी ने हीरा तराशने वाले हाथों में थमाई चाय की केतली, 5 खुदकुशी

सूरत में 20,000 से ज्यादा कामगारों का काम छूट गया है

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वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम/आशुतोष भारद्वाज

हीरा कटिंग और पॉलिशिंग के सबसे बड़े हब सूरत में कारोबारियों पर मंदी की मार का बहुत बुरा असर हुआ है. 20,000 से ज्यादा कामगारों का काम छूट गया है.

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“डायमंड का काम छोड़े एक साल हो गया. एक साल से समझ नहीं आ रहा था क्या करूं. बहुत दिक्कत में था. अभी 2 महीने से चाय बेचने का काम कर रहा हूं. कोशिश कर रहा हूं कि सेट हो जाऊं.”

हीरा कामगार जितेंद्र पवासिया ने इन्हीं शब्दों के साथ अपना दर्द बयां किया. उन्होंने काम न होने की वजह से चाय की दुकान खोल ली है. जिससे उनका जीवन चल सके. वो बताते हैं कि हीरे का काम उन्होंने खुद नहीं छोड़ा, उनसे छुड़वाया गया है. मंदी की वजह से मालिक पगार नहीं दे पा रहे थे, जिससे वो बहुत दिक्कत में थे.

वहीं डायमंड यूनिट के मालिक प्रतीक दुडेचा बताते हैं कि पिछले 4 महीनों में मंदी के कारण उनके कारखाने में प्रोडक्शन 30% तक गिर गया है.

पहले हमारे पास लगभग 60 कर्मचारी थे. अब हमारे पास लगभग 40 हैं. हम उन्हें जितनी तनख्वाह दे रहे हैं उतने में वो काम नहीं कर सकते. एक बार दिवाली के बाद बाजार में सुधार होता है तो हम इन्हें नियमित करेंगे.
प्रतीक दुडेचा, डायमंड यूनिट मालिक
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इंडस्ट्री में रोजगार को लेकर लोगों में काफी चिंता है. पिछले 2 महीनों में 5 हीरा कामगारों ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली है.

मेरे एसोसिएशन से 2 लोगों ने आत्महत्या कर ली. कमाने वाला एक था और खाने वाले 4-5 लोग थे. उनके बच्चे, बीवी, पिता. उनकी हालत बहुत खराब है.  
जितेंद्र पवासिया, हीरा कामगार और चाय दुकानदार  

सूरत के 1.53 लाख करोड़ की डायमंड इंडस्ट्री मंदी के असर के बारे में बात करते हुए जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के अध्यक्ष दिनेश नवाड़िया बताते हैं-

भारत के डायमंड मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में जो भी हीरा पॉलिश हो रहा है, वो 95% एक्सपोर्ट होता है. इसमें 42% चीन का कंजम्पशन है. वो वैल्यू एडिशन करके, ज्वेलरी में इस्तेमाल करके पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करते हैं. एक्सपोर्ट में सबसे बड़ी हिस्सेदारी अमेरिका की है लेकिन ट्रंप, अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर चल रहा है. उस वजह से चीन की करेंसी में गिरावट आई है. युआन 22 से 25% गिरा है. कॉस्ट प्रोडक्शन बढ़ गई है.  
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दिनेश नवाड़िया आगे बताते हैं कि जिस तरह से भारत के बैंकिंग सेक्टर में 2-3 लोगों (नीरव मोदी, मेहुल चोकसी) की गलती के कारण डायमंड ज्वेलरी सेक्टर में फाइनेंस कम कर दिया गया है, इससे डायमंड इंडस्ट्री को झटका लगा है.

अब इन्हें वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से ही उम्मीद है.

GST की वजह से लेबर को 5% GST देना पड़ रहा है. उसका 100% क्रेडिट हमें नहीं मिल रहा. डायमंड इंडस्ट्री का 150-200 करोड़ रुपया सरकार के पास जमा है. सूरत डायमंड इंडस्ट्री ने निर्मला सीतारमण तक बात पहुंचाई है.हमें उम्मीद है कि कोई रास्ता निकलेगा.
लालजी पटेल, धर्मनंदन डायमंड्स

इन्हें अभी तक सरकार से मदद मिलने का इंतजार हैं. लेकिन तब तक बेरोजगारों की मदद के लिए कुछ व्यापारी सामने आए हैं. वो अपने स्तर और कुछ अन्य लोगों की मदद से बेरोजगार हुए कामगारों की मदद कर रहे हैं.

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