पहले पनामा से हड़कंप मचाया फिर पैराडाइज पेपर्स से दुनिया के कई बड़े नेताओं, अमीरों और कंपनियों को झटका दिया. लेकिन एक जर्मन अखबार के एडिटर-इन-चीफ ने दुनिया के इन ताकतवर लोगों के राज कैसे खोले?
पर्दे के पीछे की ऐसी कहानी जो अभी तक किसी के सामने नहीं आई थी. क्विंट ने ये सामने लाने के लिए लंदन जाकर ऐसे दबे छिपे राज सामने लाने वाले पत्रकार से मुलाकात की.
जर्मन अखबार के एडिटर-इन-चीफ वुल्फगैंग क्रच ने सिलसिले वार तरीके से बताया कि कैसे 1.34 करोड़ पेपर्स जुटाए गए. किस तरीके से इन करोड़ों पेपर्स से उन लोगों के नाम खंगाले गए जो अपने देशों में बड़े नाम हैं लेकिन पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और है.
क्रच ने क्विंट को बताया कि
‘100 से ज्यादा पत्रकारों ने करोड़ों दस्तावेज खंगाले और चुन-चुनकर उन लोगों और कंपनियों के बारे में जानकारी जुटाई कि कैसे टैक्स बचाने या कहें टैक्स चोरी के लिए तरह तरह कानूनों की आड़ ली जाती है.वुल्फगैंग क्रच, एडिटर-इन-चीफ, Süddeutsche Zeitung
लेकिन ये जानकारी क्रच ने कैसे जुटाई. कैसे इतनी बड़ी जानकारी लीक नहीं हुई. क्या उनके ऊपर डेटा रिलीज ना करने का किसी तरह का दबाव भी था?
कैसे उन्होंने पता लगाया कि विदेशी खाता गैर-कानूनी काम के लिए खोला गया है? इन सभी सवालों को जानने के लिए देखिए क्रच का ये वीडियो
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