वीडियो एडिटर: वरुण शर्मा
वीडियो प्रोड्यूसर: कौशिकी कश्यप
महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार के कर्जमाफी योजना का ऐलान किए हुए एक साल से भी ज्यादा हो गए हैं. लेकिन राज्य के कई किसान अब भी कर्जमाफी के इंतजार में हैं और पूछ रहे हैं कि क्या हुआ तेरा वादा?
मुख्यमंत्री फडणवीस के गृह जिले नागपुर में कई किसान राज्य सरकार से काफी खफा दिखें. लोकसभा चुनाव 2019 के कवरेज के दौरान क्विंट ने जानने की कोशिश की, कि इस नाराजगी की वजह क्या है?
महाराष्ट्र की रामटेक लोकसभा सीट का चुनावी मिजाज जानने जब हमारी टीम नागपुर जिले में पहुंची तो यहां हमारी मुलाकात हुई गणेश मनघाटे के परिवार से हुई. गणेश अपनी मां के साथ गांव में रहते हैं. गणेश की मां के नाम पर 5 एकड़ खेती है. गणेश ने साल 2015 में बैंक से 73 हजार रुपये का कर्ज लिया था, लेकिन पानी की कमी और बेमौसम बरसात ने बड़ा नुकसान पहुंचाया. इसलिए वो समय पर कर्ज का पैसा नहीं लौटा सके.
साल 2017 में फडणवीस सरकार ने राज्य में छत्रपति शिवाजी महाराज शेत्करी सम्मान योजना का ऐलान किया था. किसानों से ऑनलाइन फाॅर्म भरने को कहा गया. सरकार के मुताबिक 1.50 लाख रुपये तक के कर्जमाफी का वादा था. सरकार के नियम के मुताबिक गणेश ने ऑनलाइन फाॅर्म भरा. लिस्ट में उनका नाम भी आया लेकिन बैंक में कर्जमाफी का पैसा अब तक नहीं आया. कई बार बैंक के चक्कर काटने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिल रहा है. गणेश का कहना है कि सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है.
सरकारी दावे की पोल नागपुर जिले में ही खुलती दिखाई देती है.
रामटेक लोकसभा पर फिलहाल शिवसेना का कब्जा है. शिवसेना के मुखिया उद्धव ठाकरे भी लगातार फडणवीस सरकार की कर्जमाफी पर सवाल उठाते रहे हैं. ग्रामीण महाराष्ट्र में किसानों की नाराजगी सरकार ने दूर नहीं की तो इसका परिणाम चुनाव के दौरान सरकार को भुगतना पड़ सकता है.
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