पीएम मोदी ने 24 मार्च की रात को कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का ऐलान कर दिया. लेकिन अचानक हुए इस लॉकडाउन ने एक झटके में सारे सिस्टम को रोक दिया. इन सब में किसानों को उनकी तैयार फसलों की चिंता सता रही है. इस मौसम में रबी की फसलों की कटाई जारी है. अचानक कोरोनावायरस के प्रकोप और फिर लॉकडाउन से इन किसानों के मन में अनिश्चितता का माहौल है.
इस दौरान हमने मध्य प्रदेश के दमोह जिले के किसानों की समस्याओं का जायजा लिया. टमाटर की फसल लगाने वाली किसान पार्वती ने हमें बताया कि लॉकडाउन के दौरान अब उनकी सास बाजार नहीं जा पा रही हैं, जो पहले नियमित रूप से बाजार जाया करती थीं.
यही हाल थोक मंडी का भी है. थोक मंडी में सब्जी की सप्लाई इतनी ज्यादा है कि सब्जी काफी सस्ती हो गई है. उन्होंने अपने खेत से टमाटर तोड़ने बंद कर दिए हैं. इसकी वजह ये है कि टमाटर की बाजार में डिमांड ही नहीं है और इसकी वजह से टमाटर बिक नहीं रहे हैं.
रबी की फसलों की कटाई का वक्त
मार्च के महीने में रबी की फसलें आने का वक्त होता है. ऐसे वक्त में गेहूं, सरसों, चने जैसी फसलों की कटाई का वक्त होता है. प्रशासन ने एक साथ लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी है. इसकी वजह से फसलें काटने वाली लेबर पार्टी को इकट्ठा करने में दिक्कत हो रही है.
कब शुरू होगी सरकारी खरीद?
मध्य प्रदेश में कुछ फसलों की खरीद राज्य सरकार करती है, लेकिन इस खरीद के लेकर भी किसानों के बीच अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है. हर किसान को उम्मीद होती है कि उसकी उपज का उसे उचित मूल्य जल्द से जल्द मिले. लेकिन फिलहाल कोरोनावायरस की वजह से जो स्थिति पैदा हुई है, इसमें आगे क्या होगा ये तो भविष्य के गर्त में छुपा हुआ है.
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