आइए, 2019 की गलतियों से सबक लें और 2020 में एक नए भारत का स्वागत करें, इस कविता के जरिए दीया मिर्जा ने आगे एक बेहतर, मजबूत और एकजुटता वाले भारत की उम्मीद की है. दीया मिर्जा एक्टर, प्रोड्यूसर और यूनाइटेड नेशन्स की एनवायरमेंट गुडविल एंबेसडर हैं.
आज नया इंडिया,
पुराने इंडिया से... कुछ कह रहा है...
वो कह रहा है कि...
उसने कॉन्स्टिट्यूशन को भाषणों में नहीं, नसों में उतारा है...
अंबेडकर, गांधी को मूर्तियों में नहीं, सोच में संवारा है..
वो शहरों में रहकर, दूर गांव के लिए ऐप्स बनाता है
जुबां भले ही अपनी बोले, जज़्बा उनका समझ जाता है..
इंसानियत से नाता जिसका
हमारी उम्मीद से ज़्यादा गहरा है
सुनो आज नया इंडिया,
पुराने इंडिया से... कुछ कह रहा है...
वो कह रहा है कि...
भले ही तुम्हें वो नेटफ्लिक्स पर चिल करता दिखेगा...
पर ज़रूरत हुई तो चिल्लाकर कहेगा, "मेरा देश नहीं मिटेगा"
अपने फेवरेट आर्टिस्ट के लिए वो अगर रॉक कंसर्ट की भीड़ बन जाता है...
तो अपने देश के लिए वो भीड़ बनकर बीच सड़क पर तन जाता है
ये 70% है भारत भाग्य विधाता,
इसे बहने दो, जैसे बह रहा है...
सुनो आज नया इंडिया,
पुराने इंडिया से... कुछ कह रहा है...
वो कह रहा है.. कि उसके लिए
हर धर्म एक समान है...
संविधान में दिखता समाधान है...
मज़हब, जात के तोड़ के बंधन...
उसको उड़नी नयी उड़ान है...
वो कह रहा है
आओ लड़ें जो लड़ना है
बचाने धरती, जंगल, पानी
ज़हन में ज़हर क्यों भरें
जब हवा है ज़हर से बचानी
आओ जैसे बची है... ये दुनिया बचा लें
आओ दिमाग में नहीं,
फिल्टर सिर्फ इंस्टा पर डालें
एक देश है, हम एक पृथ्वी के सिटिजन
सब में दिखता अपना सा चेहरा है
सुनो आज नया इंडिया,
पुराने इंडिया से... कुछ कह रहा है...
वो पूछता है पुराने इंडिया से
भूख से बिलखते चेहरे क्या कम थे?
जो मुस्कानों पर अफवाहों का पहरा है?
वो पूछता है पुराने इंडिया से
कि आखिर वो क्यों चुप होकर ये खामोश बंटवारा सह रहा है?
सुनो आज नया इंडिया,
पुराने इंडिया से... कुछ कह रहा है...
स्क्रिप्ट: अभिनव नागर
कैमरा: संजॉय देब
कैमरा असिस्टेंट: गौतम शर्मा
एडिटर: वीरू कृष्ण मोहन
प्रोड्यूसर: दिव्या तलवार
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