वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम, मोहम्मद इरशाद आलम
27 फरवरी को भारत-पाकिस्तान के बीच हुई तनातनी में भारत ने पाकिस्तान के लड़ाकू विमान को ढेर कर दिया. वहीं भारत का MiG 21 भी क्रैश हो गया और विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को पाकिस्तान ने अपने कब्जे में कर लिया. अभिनंदन और उनके पिता के साथ काम कर चुके पूर्व IAF ग्रुप कैप्टन आलोक मिश्रा से क्विंट ने दोनों देशों के बीच पसरे इस तनाव के बारे में खास बातचीत की.
‘पाकिस्तान से करना होगा लिखित करार’
आलोक मिश्रा कहते हैं कि कूटनीतिक तौर पर हमने पाकिस्तान को बड़ी ही सफलता के साथ अलग-थलग कर दिया है. कोई भी देश पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए आगे नहीं आया है, यहां तक चीन ने भी पुलवामा हमले की निंदा की है.
आलोक की राय ये है कि भारत को ये कूटनीतिक दबाव तब तक बनाए रखना चाहिए, जब तक पाकिस्तान LeT, JeM जैसे आतंकी संगठनों पर बैन लगाने के लिए लिखित करार के लिए न तैयार हो जाए. इस करार में ये भी होना चाहिए कि पाकिस्तान इस बात पर तैयार हो जाए कि वो ऐसे किसी भी संगठन का समर्थन भी नहीं करेगा.
अगर वो इस शर्त पर तैयार नहीं होते हैं तो हमें गुप्त ऑपरेशन जारी रखना चाहिए.मिलिट्री ऑपरेशन अब आगे के लिए अच्छा नहीं है. आतंकियों और आतंक के लिए हमें उचित हथियारों का इस्तेमाल करना चाहिए.आलोक मिश्रा, पूर्व IAF ग्रुप कैप्टन
बालाकोट ऑपरेशन के क्या मायने हैं?
बालाकोट ऑपरेशन पर आलोक मिश्रा कहते हैं कि ये ज्यादा अहम नहीं है कि हमने 300 या 350 मारे, या 3 या 5 टारगेट को ध्वस्त कर दिया. इस ऑपरेशन की सबसे अहम बात ये है कि हमने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि अब पाकिस्तान को सुधर जाना चाहिए. अगर पाकिस्तान कोई 'दुस्साहस' या 'शरारत' करता है तो हम रुकने वाले नहीं हैं. बालाकोट ऑपरेशन से ये संदेश साफ तौर पर दे दिया गया है.
'न्यूक्लियर बम की गीदड़भड़की काम नहीं आएगी'
अब तक, हर कोई ये सोचता आया है कि अगर हम कुछ करते हैं तो पाकिस्तान न्यूक्लियर हथियार का इस्तेमाल कर सकता है. आलोक कहते हैं कि इस बार भारत ने जता दिया है कि अगर पाकिस्तान ऐसा कुछ करता है या करने की सोचता है तो भारत भी जोरदार जवाब देगा.
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