वीडियो एडिटर और एनिमेटर: कुणाल मेहरा
इलस्ट्रेटर: अरूप मिश्रा
कैमरा: स्मिता टीके, विक्रम वेंकटेश्वरन, रोमानी अग्रवाल
प्रोड्यूसर: स्मिता टीके, विक्रम वेंकटेश्वरन, त्रिदीप मंडल
एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर: रितु कपूर, रोहित खन्ना
दोपहर के 2:30 बजे थे. फर्श पर शराब बह रही थी और जोर से खर्राटे की आवाज आ रही थी.तभी अचानक बच्चा नींद में ही उछल गया. नमक और मिर्च की एक चुटकी के साथ एक डोसा, उसकी भूख को शांत नहीं कर पा रहा था. उसी वक्त राजी की बहन घर आई और उसने कहा कि उसके लिए एक नौकरी है. राजी अपने इलाके में एक लोकप्रिय मेकअप आर्टिस्ट थी. तुरंत उसने अपनी किट पकड़ ली और जल्दी से बाहर आ गई.
उसे जिस बंगले में जाने के लिए कहा गया था वहां राजी को कोई लड़की नहीं मिली. एक महिला ने उसे एक कमरे में ले जाकर कहा, “जरा अंदर जाकर साहब से बात करो. बस उसके साथ ऐसे रहो जैसे वो तुम्हारा पति हो. मुझे पता है कि तुम्हें पैसे की जरूरत है, इसलिए रो नहीं और जाकर बैठ जाओ. ” राजी का विरोध उसके बच्चे की रोने के आवाज को याद कर खामोश रह गया. एक घंटे के बाद, वो 150 रुपये के नोट के साथ घर से बाहर चली गई. उसने कभी फिर यहां न लौटने की कसम खाई.
अगले दिन, उसकी बेटी एक खाली थाली लेकर उसके पास आई, मकान मालिक ने उसे किराए के पेमेंट को लेकर धमकी दी और उसके पति ने शराब के लिए घर के सारे पैसे ले लिए. इसके बाद वो फिर इस काम पर लौट आई. इस बार अपनी मर्जी से आई.
चेन्नई की गलियों में इस तरह की कई कहानियां मिल जाएंगी. दरअसल, आधी रात के बाद आप शहर के किसी इलाके में चले जाएं, अलवरपेट, टी नगर, माइलापोर, पोरुर यहां तक कि आईटी कॉरिडोर में भी लोग सेक्स वर्कर्स के सच को अनदेखा करते हैं. जबकि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के डेटा के मुताबिक.चेन्नई इस मामले में दूसरे मेट्रो शहरों जैसा है. इसलिए बेहतर ये होगा कि इन सेक्स वर्कर के वजूद को मान लिया जाए उनकी जिंदगी को समझने की कोशिश की जाए.
जब इन महिलाओं से सेक्स वर्कर बनने की वजह पूछी जाती है तो उनके जवाब लगभग एक जैसे होते हैं. अपमान, दुर्व्यवहार, बचपन में शादी, गरीबी जैसी मजबूरियों ने सेक्स वर्कर्स बनने पर मजबूर कर दिया. यहां चुनिंदा सेक्स वर्कर्स की उस कहानी को बताने की कोशिश की गई है, जो वो रोजमर्रा की जिंदगी में झेलती हैं.
मैं एक आदमी के साथ पार्टनर की तरह रहती थी, लेकिन वो रोज शराब पीने लगा, मुझसे शराब के लिए पैसे लेने लगा . मैंने सोचा ये तो उस इंसान से भी बुरा निकला, जिससे मैंने शादी की थी. मैंने फैसला कर लिया कि मुझे अपने बच्चों के सिवाय और कुछ नहीं चाहिए और मैंने उसे भगा दियाकमला, 40 साल (15 सालों से सेक्स वर्कर के तौर पर काम रही हैं)
मेरी जिंदगी में चाहे जितने भी पुरुष आए. मुझे ये याद रहता है कि सबसे पहला मेरा पति ही था बाकी लोगों के साथ मैं सिर्फ नाटक करती हूं कोई सच्चा प्रेम नहीं होता.रेवती, 55 साल ,फैक्ट्री की नौकरी छूटने के बाद सेक्स वर्कर बन गईं
कई बार मैं सोचती हूं सिर्फ 300 रुपये के लिए कितना कुछ करना पड़ता है कई बार तो घर लौटने के बाद मैं खाना तक नहीं खा पाती .अनिता, 30 साल , 24 साल की उम्र में वेश्यावृति के धंधे में धकेल दिया गया
दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में रेड लाइट एरिया मौजूद हैं,यहां चेन्नई में फिल्मी स्टारों के बड़े-बड़े कटआउट के लिए तो खूब जगह हैं.लेकिन इन महिलाओं के लिए कोई जगह नहीं है. इसलिए ना तो ये एक साथ एक जगह मिलकर रह पाती हैं. और ना ही एक दूसरे का ख्याल रख पाती हैं. इन्हें हमेशा पुलिस, बचौलियों और ग्राहकों के हाथों जलील होना पड़ता है. इन अपमानों को ये महिलाएं स्वीकार कर चुकी हैं.क्योंकि वो अगर ये काम नहीं करेंगी तो इनको पैसे नहीं मिलेंगे.
एक झलक देखिए कि इस डॉक्यूमेंट्री को किस तरह से बनाया गया.
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