कोलकाता के सेंट जेवियर्स विश्वविद्यालय (SXU) की ओर से दो दिन पहले अपनी ही एक पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर को 99 करोड़ की मानहानि का नोटिस जारी किया गया. क्योंकि, पिछले साल अक्टूबर में महिला असिस्टेंट प्रोफेसर को एक इंस्टाग्राम पर डाली गई फोटो की वजह से इस्तीफा देना पड़ा था. उनकी वो फोटो स्विम सूट में थी. जिससे एक छात्र के पिता नाराज हो गए थे और कथित तौर पर यूनिवर्सिटी ने उनसे इस्तीफा ले लिया था.
कोलकाता के सेंट जेवियर्स विश्वविद्यालय (SXU) की ओर से दो दिन पहले अपनी ही एक पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर को 99 करोड़ की मानहानि का नोटिस जारी किया गया. क्योंकि, पिछले साल अक्टूबर में इस्तीफा दे चुकी महिला असिस्टेंट प्रोफेसर को एक इंस्टाग्राम पर डाली गई फोटो की वजह से इस्तीफा देना पड़ा था. उनकी वो फोटो स्विम सूट में थी. जिससे एक छात्र के पिता नाराज हो गए थे और यूनिवर्सिटी ने उनसे इस्तीफा ले लिया था.
उनका कहना था कि उनका इंस्टाग्राम अकाउंट हैक हो गया था. जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस से भी थी. क्योंकि, जिन फोटोज की बात हो रही थी वो उन्होंने यूनिवर्सिटी ज्वाइन करने से दो महीने पहले पोस्ट की थी और वो भी इंस्टाग्राम स्टोरी पर, जहां से 24 घंटे बाद फीड खुद से हट जाती है.
इसको लेकर द क्विंट ने असिस्टेंट प्रोफेसर, उनके वकील, वाइस चांसलर (VC) और SXU के डीन और कोलकाता पुलिस से संपर्क किया. द क्विंट ने 24 अक्टूबर 2021 को कोलकाता के एक पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को सौंपी गई शिकायत की कॉपी और इस साल 24 फरवरी को दर्ज की गई प्राथमिकी की एक कॉपी भी देखी.
पूर्व सहायक प्रोफेसर, कला और सामाजिक अध्ययन के डीन, डॉ. अच्युत चेतन द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा, "No Comments"
इस बीच, यूनिवर्सिटी के वीसी फेलिक्स राज ने अपने वकील द्वारा तैयार की गई एक प्रतिक्रिया भेजी, जिसमें कहा गया था कि शिकायतकर्ता द्वारा विश्वविद्यालय को भेजे गए कानूनी नोटिस में "मनगढ़ंत आरोप" थे. वीसी ने आगे प्रोफेसर से "बिना शर्त माफी" और "विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए 99 करोड़ रुपये का मुआवजा" मांगा.
7 अक्टूबर 2021 को विश्वविद्यालय में क्या हुआ था?
महिला प्रोफेसर ने अगस्त 2021 में एक सहायक प्रोफेसर के रूप में विश्वविद्यालय ज्वाइन किया. दो महीने बाद, 7 अक्टूबर की दोपहर को उसने दावा किया कि उसे वीसी के साथ बैठक के लिए बुलाया गया था. अपनी पुलिस शिकायत में उसने दावा किया कि उसे उसी दिन बैठक के बारे में सूचित किया गया था, लेकिन बैठक की प्रकृति का खुलासा नहीं किया गया था.
पत्र में महिला प्रोफेसर ने दावा किया कि एक बार जब वह मीटिंग रूम के अंदर थी, तो उसने देखा कि वहां विभिन्न विभागों के 7 प्रोफेसर बैठे हैं. उसने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि "इसके बाद मैं इसे केवल नैतिक पुलिसिंग और चरित्र हनन के मुकदमे के रूप में बयान कर सकती हूं."महिला प्रोफेसर
उसने यह भी दावा किया कि कमरे में मौजूद विश्वविद्यालय के सदस्यों ने एक प्रथम वर्ष के स्नातक छात्र के पिता द्वारा विश्वविद्यालय के अधिकारियों को भेजे गए एक कथित पत्र को पढ़ा, जिसमें दावा किया गया था कि उसने अपने बेटे को इंस्टाग्राम पर उसकी आपत्तिजनक तस्वीरों को देखते हुए पकड़ा था.
महिला प्रोफेसर ने आरोप लगाया कि मीटिंग में मुझे फोटोज के लिए बार-बार शर्मिंदा किया गया. मेरी तस्वीरें कमरे में बांटी गईं और मुझसे पूछा गया कि, क्या ये मेरी तस्वीरें हैं.
महिला प्रोफेसर ने द क्विंट से कहा कि मैं फिर कभी किसी पर भरोसा नहीं कर सकती. सबसे पहले, जो कहा जा रहा था उससे मुझे परेशानी थी. मुझे लगा जैसे किसी ने मुझे तोड़-मरोड़ कर पेश किया हो. मेरा तत्काल विचार ये था कि मेरा अकाउंट हैक कर लिया गया था और मैं सोचती रही कि मेरी गोपनीयता पर हमला किया गया है. मेरी प्रोफाइल उन लोगों की निगरानी में थी जिन्हें मैं नहीं जानती. मैंने अपने निजी जीवन को अपने पेशेवर जीवन से बचाने के लिए हर संभव कोशिश की.
प्रोफेसर को मिला पूर्व छात्रों का साथ
हालांकि, सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी के कई पूर्व छात्रों का साथ महिला प्रोफेसर को मिला है. जिन्होंने सोशल मीडिया पर उनके पक्ष में पोस्ट कर अपना समर्थन जताया है.
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