वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम
उत्तर प्रदेश के ब्रज के बरसाना गांव में होली अलग तरह से खेली जाती है जिसे लठमार होली कहते हैं. ब्रज में वैसे भी होली खास मस्ती भरी होती है क्योंकि इसे कृष्ण और राधा के प्रेम से जोड़ कर देखा जाता है.
ये होली बरसाना की पहचान बन गई है. ऐसी मान्यता है कि कृष्ण नंदगांव से बरसाना राधा से मिलने के लिए गए थे. बरसाना राधा का जन्मस्थान माना जाता है. इस दौरान उन्होंने राधा और उनकी सहेलियों के साथ हंसी ठिठोली की. लेकिन इसके बदले में उन महिलाओं ने कृष्ण का पीछा उनके गांव तक किया और उन पर लाठियां बरसाईं. बस, इसी प्रसंग की परंपरा अब तक बनी हुई है. बड़ी संख्या में महिलाएं पुरुषों पर लाठियां बरसाती हैं और वे अपने आप को ढाल से बचाते हैं. इस दौरान रंग भी उड़ता है, संगीत भी बजता है और पूरा माहौल उमंग से भर जाता है.
राधा रानी मंदिर में सुबह करीब 9 बजे आरती के साथ उत्सव की शुरुआत होती है. देश भर से हजारों लोग प्रार्थना करने के लिए इकट्ठा होते हैं. एक-दूसरे पर गुलाल उड़ाते हुए लोगों के साथ आरती का समापन होता है. इसके साथ ही उत्सव की शुरुआत होती है. ये उत्सव मंदिर से सटे लेन पर होता है और दोपहर में 3 बजे तक चलता है. शाम 4 बजे तक, महिलाएं सड़कों पर पुरुषों को घेरकर उनपर लाठियां बरसाती हैं और पुरुष बचने के लिए आकर्षक ढाल पकड़ते हैं.
हालांकि इस दौरान छेड़छाड़ और हैरेसमेंट की घटनाएं भी सामने आती हैं.
देखिए मशहूर लठमार होली की ये स्पेशल 360 डिग्री कवरेज.
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