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रानी पद्मावती की कहानी चित्तौड़ के टूरिस्ट गाइड की जुबानी  

देश भर में हो रहा है संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती का विरोध

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राजस्थान का चितौड़ शहर आलीशान किलों की दीवारों से घिरा हुआ है.चित्तौड़ किला भारत का सबसे बड़ा किला माना जाता है. 680 एकड़ में फैला ये चित्तौड़ का किला करीब 7वीं शताब्दी से कई दशकों तक मेवाड़ राजवंश की राजधानी रहा है.

राजपूतों के लिए उनका किला उनकी आन, बान और शान था यहां तक कि ये किला आज भी राजपूतों के गौरव का हिस्सा है. चित्तौड़ का ये किला फिलहाल सुर्खियों में बना हुआ है. यहां के इतिहास पर संजय लीला भंसाली फिल्म पद्मावती बना रहे हैं, जो रिलीज से पहले ही विवादों में फंसी हुई है. दरअसल राजपूतों का ये मानना है कि फिल्म के रानी पद्मिनी के किरदार के साथ छेड़छाड़ हुई है. फिल्म में रानी पद्मिनी का किरदार दीपिका पादुकोण निभा रही हैं.

राजस्थान समेत पूरे देश में राजपूत समाज के लोगों का ये कहना है वो इस फिल्म का विरोध तब तक करते रहेंगे, जब तक फिल्म को पूरे देश में बैन न कर दिया जाए. फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसालीऔर एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण को जान से मारने और नाक काटने तक की धमकियां मिल रहीं हैं. हर एक के पास रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी की कहानी है कि आखिर उस दौरान क्या हुआ था. कि वो कैसे मिले? क्या वो कभी मिले भी थे? शीशे से बना ये कमरा किस लिए था.

इन सारी कहानियों को जानने के लिए क्विंट की टीम पहुंची चित्तौड़ के इस किले में जहां टूरिस्ट गाइड राजा रतन सिंह और रानी पद्मिनी से जुड़ी कई कहानियां सुनाते हैं. हालांकि किले से अलाउद्दीन खिलजी के निशान वक्त के साथ धुंधले होते नजर आते हैं. रानी पद्मिनी के किले के बीचों बीच खड़े होकर टूरिस्ट गाइड प्रकाश रानी पद्मिनी के बारे में बता रहा है. (देखें पूरा वीडियो)

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