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एक गीत, 22 जुबान ‘मत तोड़ो ये हिंदुस्तान’  

इस गाने में 22 भाषाएं शामिल हैं जो देश की विविधता को दिखाता है

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तमाम विरोध-प्रदर्शन के बीच, डर और असंतोष के माहौल में ये भारत के लोकतंत्र के लिए परीक्षा की घड़ी है. 15 साल की आर्षा मुखर्जी अपने गाने के जरिये देश को संदेश देने की कोशिश कर रहीं हैं. अपने आईबी स्कूल प्रोजेक्ट के लिए, उन्होंने इस गाने को लिखा था. इस गाने में 22 भाषाएं शामिल हैं जो देश की विविधता को दिखाता है. देखिए, 15 साल की बच्ची का सुरीला संदेश ‘मत तोड़ो मेरा ये देश’.

हिंदी

मन में हो प्रेम हमारे
नैनों में करुणा हो
मिटाएं सीमाओं को
बन जाए ये ध्येय जीवन का

डोगरी

सुंदर है ये देश मेरा
हमें साथ है रहना

तेलुगू

पर जितना हम आगे बढ़ते हैं
उतना ही शायद पिछड़ते हैं

असमिया

देश में फैली बस सियासत

मजहब अब तय करे अहमियत

कश्मीरी

दिलों में हमारे हो मोहब्बत

एकता की हो बस इबादत

मलयालम

रहा यूं ही सफर जो बरकरार
टूटेगा अपना अहंकार

उड़िया

अब राष्ट्र नहीं है धड़कन में

बस नाम रह गया है मन में

तमिल

नफरत, बंटवारा, खौफ, सजा
ना हो इन लफ्जों की कोई जगह

मराठी

बदलें आदर्शों को जरा सा
मिलकर रहने की है आशा

संथाली

सुर-ताल एक हो हम सब का
ना खौफ रहे किसी बंधन का

मेइती

इस सफर में जीवन के

चलें लिए उम्मीद को मन में

उर्दू

उल्फत दिलों में रखना
दुआओं में एका रख लेना

कोंकणी

सुख-शांति से रहें हम मिलकर

रहे दया भाव इक-दूजे को लेकर

बोडो

चमड़ी, रंग और नस्ल से परे
हम भीतर के इंसान को समझें

गुजराती

रहे जो हम अभिमानी होकर

खाएंगे जीवन में ठोकर

बंगाली

दूर नहीं वो दिन दिल में हिंदुस्तान
रह जाएगा बनके बस एक नाम समान

पंजाबी

नफरत वो शब्द नहीं जो
हमें जोड़े रखता है

कन्नड़

बदलाव का है वक्त ये
उम्मीद है लेकिन जिंदा ये

नेपाली

नफरत, बंटवारा, खौफ, सजा
ना हो इन लफ्जों की कोई जगह

संस्कृत

एकता है समाज का बल
इसके बिना है ये निर्बल
सिंधी

हमें खौफ और घृणा
के साथ नहीं है जीना

मैथिली

छावं में या धूप में

हम पा सकते हैं बहुत कुछ

एक समुदाय के रूप में

वीडियो एडिटर: वीरू कृष्ण मोहन

कैमरापर्सन: संजय देब

असिस्टेंट कैमरापर्सन: गौतम शर्मा

प्रोड्यूसर: दीक्षा शर्मा

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