इस्तांबुल की 1500 साल पुरानी UNESCO विश्व धरोहर हागिया सोफिया में लगभग 86 साल बाद 24 जुलाई को नमाज हुई है. 1934 में हागिया सोफिया को म्यूजियम बना दिया गया था. हालांकि इस साल जुलाई की शुरुआत में तुर्की ने इसे दोबारा मस्जिद घोषित कर दिया. इसके बाद राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगान ने ऐलान किया था कि 24 जुलाई से हागिया सोफिया नमाज के लिए खोल दी जाएगी.
इस ऐतिहासिक धरोहर में दशकों बाद नमाज पढ़ने के लिए काफी भीड़ उमड़ पड़ी थी. राष्ट्रपति एर्दोगान और उनके कई कैबिनेट मंत्री भी हागिया सोफिया में नमाज के दौरान मौजूद रहे.
23 जुलाई को इस्तांबुल के गवर्नर अली एर्लिकाया ने कहा था कि मुस्लिम खुश हैं और हर कोई ओपनिंग पर आना चाहता है. बीबीसी की खबर के मुताबिक, सिक्योरिटी चेकपॉइंट से करीब 1000 लोगों को अंदर जाने की इजाजत दी गई और कई हजार ने बाहर की प्रार्थना के लिए मैट बिछा ली.
नमाज के लिए क्या तैयारियां हुईं?
इस्तांबुल के गवर्नर अली एर्लिकाया ने 23 जुलाई को कहा था कि पहली नमाज के लिए आने वाले लोग अपने साथ मास्क, प्रार्थना मैट, धैर्य और समझदारी लेकर आएं. गवर्नर ने कहा था कि हागिया सोफिया में हेल्थकेयर वर्कर्स भी मौजूद रहेंगे.
बीबीसी की रिपोर्ट बताती है कि हागिया सोफिया के अंदर नमाज के लिए एक नया कार्पेट डाला गया और ईसाई धर्म से संबंधित म्यूरल्स को सफेद कपड़े से ढक दिया गया.
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