वीडियो एडिटर: राहुल सांपुई
कैमरपर्सन: आकांक्षा कुमार
“मैंने पहली बार इसे(वीडियो) नेट पर देखा और घबरा गई. मैंने सोचा, “ये क्या हो रहा है? हमारी तो किसी से दुश्मनी नहीं है.”
पहलू खान की बीवी जैबुना के जहन में पहलू खान के नाम पर यही याद उभरती है. हरियाणा के जयसिंहपुर गांव के रहने वाले पहलू खान, को 1 अप्रैल 2017 को राजस्थान के अलवर में गोरक्षा के नाम पर भीड़ ने बेरहमी से पीटा था. इलाज के दौरान पहलू ने दम तोड़ दिया था.
2 साल से इंसाफ और मदद की उम्मीद लगाए बैठे परिवार और जैबुना को अब घर चलाने की चिंता सताती है. उनका कहना है कि सरकार, स्थानीय पुलिस और राजनीतिक नेता सभी उनके परिवार को भूल गए हैं.
पहलू खान के घर पर अब पत्रकारों का अक्सर आना-जाना लगा रहता है. लेकिन इस घर को उनके नेताओं का इंतजार हैं. उनकी आस थी कि परिवार से मिलने स्थानीय बीजेपी सांसद या इनेलो विधायक पहुंचेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
“प्रशासन का एक भी व्यक्ति ये पूछने के लिए नूंह नहीं आया कि क्या हुआ? कैसे हुआ? आपके पिता की मौत कैसे हुई? ”मुबारिक, पहलू खान का बेटा
पहलू खान के बेटे मुबारिक खेतों में बटाईदारी पर काम करते हैं और मुश्किल हालात में घर चला रहे हैं.
इस लिंचिंग केस में 6 आरोपियों को राजस्थान पुलिस ने सितंबर 2017 में क्लीन चिट दे दी थी. 29 सितंबर 2018 को, अजमत और पहलू के बड़े बेटे आरिफ को गोली मार दी गई थी, जब दोनों अलवर के ट्रायल कोर्ट में पेश होने के लिए गए थे.
अजमत पहलू खान के पड़ोसी हैं और घटना के दिन वो भी पहलू खान के साथ थे. वो इस मामले की जांच को सवाल के घेरे में खड़ा करते हैं.
चुनाव के बारे में पूछने पर इस परिवार और अजमत का कहना है कि सिस्टम से उनका भरोसा उठ चुका है लेकिन फिर भी वो उम्मीद करते हैं कि चुनाव बाद नई सरकार उनकी सुनेगी, उनके दर्द को समझेगी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)