उत्तरप्रदेश के बांदा में ग्लैंडर्स फारसी बीमारी से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप है. ये बीमारी ज्यादातर घोड़ों, गधों और खच्चरों में फैल रही है. बांदा के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एसके अग्रवाल के मुताबिक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है. जानवरों के सैंपल पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें मार दिया जाता है.
ग्लैंडर्स फारसी बीमारी का न तो कोई इलाज है और न ही कोई टीका. जानवरों से इंसानों में भी इस बीमारी के फैलने का डर रहता है.
इधर, बांदा में पशुपालक परेशान हैं. उनका कहना है कि सरकार के इस कदम से उन्हें नुकसान हो रहा है. ये ही नहीं, पशुपालकों का कहना है कि बालू माफिया उनका धंधा बंद करवाना चाहते हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार बालू माफियाओं के दबाव में उनके मवेशियों को मार रही है.
रिपोर्ट: खबर लहरिया (देश का एकमात्र डिजिटल ग्रामीण मीडिया नेटवर्क है, जिसमें उत्तर प्रदेश के 8 जिलों में रिपोर्टर सिर्फ महिलाएं हैं.)
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