वीडियो एडिटर: कुनाल मैहरा/प्रशांत चौहान
पनीर देश के हर रेस्तरां के मेन्यू में शामिल होता है. घर पर जब मेहमान आते हैं तो मम्मी क्या बनाती हैं...और वेजिटेरियन का मजाक भी... हम इस पर ज्यादा ध्यान भी नहीं देते हैं या, देते हैं? 2020 में स्वागत है, हम गूगल पर क्या सर्च कर रहे हैं?
2020 में गूगल पर क्या ट्रेंडिंग रहा?
शुरुआत करते हैं.. जी हां, पनीर से... और इसे कैसे बनाते हैं. मम्मी और खाना बनाने वाली आंटी की गैर मौजूदगी में हमारे अंदर का संजीव कपूर जरूर जग गया है. कुकिंग की बात कर रहे हैं तो डलगोना कॉफी. हम ये नहीं कहेंगे कि हममें से कई लोगों ने इसे जा कर सर्च नहीं किया कि ये है क्या...नहीं? जैसे 90 के ट्रेंड में जाना और तेरे नाम वाला हेयर-स्टाइल भी ट्राई करना.
और उन लोगों से खास हमदर्दी है, जिन्हें चाहे महामारी हो या न हो... अब भी आधार को पैनकार्ड से लिंक करना नहीं आया.
अब चलते हैं ‘कैसे’ से ‘क्या’ पर कोरोना वायरस, जिसने पूरी दुनिया बदल कर रख दी. दूसरा सबसे ज्यादा सर्च किया शब्द है बिनोद! ये शब्द हर जगह छाया रहा. इसने सिर्फ मीम बनाने वालों को ही इंस्पायर नहीं किया बल्कि ब्रांड को इंस्पायर किया.
इसी लिस्ट में आगे है CAA लॉकडाउन और महामारी से पहले साल की शुरुआत प्रदर्शनों से हुई. CAA के खिलाफ प्रदर्शन पूरे देश में हुए.
अब आते हैं ट्रेंडिंग पर्सनालिटीज पर
लिस्ट सबसे ऊपर हैं जो बाइडेन, कमला हैरिस नहीं, जो बाइडेन और दूसरे सबसे ज्यादा सर्च किए गए व्यक्ति हैं अर्नब गोस्वामी. इसी लिस्ट में शामिल हैं कनिका कपूर, किम जोंग उन, अमिताभ बच्चन.
ये साल गूगल पर हम देशवासियों के लिए काफी मनहूस रहा.
और अब देखिए सबसे ज्यादा ट्रेंडिंग मूवीज- दिल बेचारा. सुशांत सिंह की मौत के बाद काफी विवाद हुआ, जिसके कारण ये मूवी ज्यादा ट्रेंड हुई. इसी लिस्ट में शामिल- सूरारई पोत्रू, तान्हाजी, शंकुतला देवी और गुंजन सक्सेना. OTT पर मनी हाईस्ट और स्कैम 1992 ने बिग बॉस, मिर्जापुर 2 और पातल लोक को पीछे छोड़ दिया.
और अब पेश है 2020 की टॉप 5 'ओवरआल मोस्ट ट्रेडिंग लिस्ट'. नंबर 5 पर है बिहार चुनाव नतीजे. महामारी वाले साल का सबसे बड़ा चुनाव जिसने सभी एग्जिट पोल को गलत साबित किया. 4 पर है पीएम किसान योजना. 3 पर अमेरिकी चुनाव नतीजे. नंबर 2 पर है कोरोना वायरस.
आप सोच सकते हैं कि पूरी दुनिया में ये सबसे ज्यादा सर्च किया गया शब्द होगा लेकिन भारत में ये दूसरे नंबर रहा क्योंकि महामारी या चुनाव या आर्थिक संकट हमारे लिए कुछ नहीं है. हमारे लिए IPL सबसे जरूरी है. तो क्या हुआ जो ये दूसरे देश में फेक ऑडियंस के साथ हुआ. लेकिन इन सभी को साइड रखें तो हमें ये साल ऐसे खत्म करना चाहिए कि हम मानवता में विश्वास बढ़ाने वाले काम करें और बेहतर कल की उम्मीद करें.
लोगों ने अपने करीबी लोकेशन में फूड शेल्टर और नाइट शेल्टर सर्च किया. ट्रेंड के अलावा इस साल बुरी खबरें ज्यादा आईं... हम में से कई लोगों ने अपने करीबियों को खोया है. फ्रंट लाइन वॉरियर्स ने अपनी जिंदगी खतरे में डालकर काम किया. साइंटिस्ट दिन रात कोरोना वैक्सीन ईजाद करने में लगे रहे. शायद अब हम इस वैश्विक महामारी के अंत की शुरुआत को देख रहे हैं. ट्रेंड हो या न हो उम्मीद है कि इस साल का अंत एक नई उम्मीद के साथ हो.
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