गुजरात चुनाव में मैदान तैयार है. पाले खिंच चुके हैं. बीजेपी और कांग्रेस, दोनों टीमें, एक-दूसरे के सामने हैं. यूं देखें तो चुनाव गुजरात में हैं, लेकिन धमक अहमदाबाद से 525 किलोमीटर दूर मुंबई तक है. क्योंकि, मुंबई में रहते हैं लाखों गुजराती. यही वजह है कि गुजरात में हो रहे चुनावों को लेकर उनमें भी खासी दिलचस्पी है. क्विंट की टीम मुंबई में रहने वाले ऐसे ही कुछ गुजरातियों से मिली और जानी उनकी राय.
चुनाव पर क्या कहते हैं मुंबई के गुजराती?
क्विंट हिंदी ने एक नहीं कई गुजरातियों से बात की. खास तौर पर कारोबारी तबके से. इसकी एक वजह ये पता लगाना भी था कि चुनाव में जीएसटी और नोटबंदी के असर को लेकर लोग क्या सोचते हैं. जितने लोगों से बात हुई, अलग-अलग राय निकलकर सामने आई. कोई पीएम मोदी का मुरीद निकला तो कोई राहुल का फैन.
ज्वैलर अल्पेश भाई ने कहा, “मोदी जी ने इतना विकास किया है कि उनका बोलबाला रहेगा. इस समय राहुल टक्कर दे रहे हैं तो मैजोरिटी में फर्क पड़ सकता है पर जीतेंगे पीएम मोदी ही.
अगर अल्पेश भाई पीएम मोदी के समर्थन में थे तो राजू भाई राहुल गांधी के पीछे. उन्होंने बताया, “राहुल गांधी इस बार अच्छा कर रहे हैं , कांग्रेस को फायदा होगा. बीजेपी को कड़ी टक्कर मिल रही है. हम यहां जरूर रहते हैं लेकिन वहां गुजरात में फोन पर बात होती रहती है. रिश्तेदार बता रहे है इस बार मुश्किल है बीजेपी का.
नोटबंदी और GST का गुजरात में होगा असर?
नोटबंदी और जीएसटी को लेकर ज्यादातर कारोबारी परेशान दिखे. विद्युत सोनी कहते हैं कि अब चुनाव नजदीक है तो सरकार ने आनन-फानन में जीएसटी की दरों में बदलाव किए. पहले से ठीक व्यवस्था क्यों नहीं बनाई गई. वहीं राजू भाई ने कहा, “नोटबंदी में व्यापारियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा.”
जवेरी बाजार में ज्यादातर लोग विकास के मुद्दे पर अपनी बात रखते दिखे. साफ नजर आया कि लोगों को विकास के नाम पर राजनीति नहीं, विकास चाहिए. दिलचस्प ये है कि अपने गृहराज्य से सैकड़ों किलोमीटर दूर रहने के बावजूद, मुंबई में रहने वाले गुजराती हर चुनावी हलचल पर पूरी निगाह बनाए हुए हैं.
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