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करतारपुर: ‘अब मेरी बीवी भारत में अपनी मां से मिल पाएगी’

करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत पाकिस्तान के लोगों ने साझा की अपनी भावनाएं

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वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम

सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर कॉरिडोर खुल गया है. 9 नवंबर को उद्धघाटन के बाद, आम श्रद्धालुओं के लिए ये 10 नवंबर को खोल दिया गया. इस कॉरिडोर के साथ लोगों की भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं. लोगों को उम्मीद जगी है कि अब वो आसानी से अपने रिश्तेदारों से मुलाकात कर पाएंगे.

पाकिस्तानी नागरिक चरण सिंह कहते हैं कि अब लोग बिना वीजा के करतारपुर आ सकते हैं, सभी खुश हैं. गुरुद्वारे में 4 दरवाजे हैं. हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाईयों के बीच यहां कोई भेदभाव नहीं है. मेरा भाई वहां (भारत) में रहता है , मेरी बहन जमुना नगर (भारत) में रहती है.हमें हमेशा वीजा के लिए दिक्कत होती थी लेकिन अब नहीं होगी.

मेरी बीवी इंडिया से है, अब वो यहां मेरे साथ रहती है. 12 साल हो गए अपनी मां को नहीं देखा. इंशाअल्लाह, अब कॉरिडोर खुल गया है तो मैं खुश हूं. अब मैं अपने भाई से, ससुरालवालों से मिल सकता हूं. हम बहुत खुश हैं.  
चरण सिंह, पाकिस्तानी नागरिक
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अमेरिका में रह रहे प्रवासी भारतीय हरप्रीत सूरी का कहना है कि हम उन चुनिंदा लोगों में से हैं जिन्हें बॉर्डर खुलने के दिन इसका हिस्सा बनने का मौका मिला. मुझे नहीं लगता कि कोई इतनी सेवा, हमारी इतनी इज्जत कर सकता है जितनी पाकिस्तान की सरकार और यहां के लोगों ने हमारी की है.

हर कोई हाथ जोड़कर हमसे मिल रहा है,और पूछ रहा है-‘मैं क्या कर सकता हूं आपके लिए.’ ये हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि हम इसका हिस्सा बने. हम तहे दिल से पीएम इमरान खान और सिद्धू का शुक्रिया करते हैं.
हरप्रीत सूरी, प्रवासी भारतीय

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