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Haldwani के हजारों लोग बेघर होने की कगार पर, बोले-'हमारे बच्चों पर तो रहम करो'

हजारों लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर अपना विरोध जताया. महिलाओं के साथ बच्चे और बुजुर्ग भी कैंडल मार्च में शामिल हुए

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हल्द्वानी (Haldwani) में हाईकोर्ट के आदेश पर रेलवे का अतिक्रमण हटाया जा रहा है, जिसको लेकर स्थानीय लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. हाईकोर्ट के आदेश के बाद रेलवे की 78 एकड़ भूमि से 4365 घरों को तोड़कर अतिक्रमण हटाया जाना है, ऐसे में अतिक्रमण की जद में आ रहे लोगों ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

अतिक्रमणकारियों का कहना है कि उनका विस्थापन किया जाए साथ ही कड़ाके की ठंड में उनको बेघर नहीं किया जाए, उन्होंने बताया कि उनके पूर्वज कई दशकों से उस भूमि पर रह रहे हैं, अब रेलवे उनकी भूमि को अपना बता रही है.

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हजारों लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर अपना विरोध जताया. इस दौरान महिलाओं के साथ बच्चे और बुजुर्ग भी कैंडल मार्च में शामिल हुए, जहां उन्होंने सरकार से अतिक्रमण न हटाए जाने की मांग की, साथ ही कहा कि अगर सरकार अतिक्रमण हटाना ही चाहती है, तो सबसे पहले उनको विस्थापित किया जाए,

पुलिस फोर्स तैनात

कैंडल मार्च को देखते हुए बनभूलपुरा में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है, जहां पुलिस सुरक्षा के बीच कैंडल मार्च निकाला गया. इस दौरान सभी ने कहा कि सरकार इस ठंड में लोगों को राहत देने के बजाय उनको उजाड़ने का काम कर रही है, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक अतिक्रमण ना हटाने की मांग की.

बनभूलपुरा में हजारों की संख्या में लोग पिछले कई दशकों से रह रहे हैं, लेकिन अगर उनको उजाड़ना है, तो पहले उनको विस्थापन किया जाए.

क्या कह रहे हैं स्थानीय लोग?

स्थानीय लोगों को कहना है कि हम लोग सालों से यहां रह रहे हैं, इस तरह हमें क्यों निकाल रहे हैं.

बीजेपी वाले वोट लेने के लिए यहां आते हैं, लेकिन आज हमारे पास कोई नहीं आ रहा. 200 साल से यहां पब्लिक रह रही है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि किसी ने हम गरीबों के बारे में नहीं सोचा, ये सरकार हमारे साथ नाइंसाफी कर रही हैं, कम से हमारे बच्चों का तो सोचिए. हमारे बाप-दादा भी यहीं पर मरे, हमें भगा दोगे तो भी हम यहीं रहेंगे.

रेलवे के इज्जतनगर मंडल एडीआरएम विवेक गुप्ता ने बताया कि जल्द रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाया जाएगा, वहीं कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने बताया कि अतिक्रमण को हटाने में रेलवे की मदद स्थानीय प्रशासन द्वारा की जाएगी, साथ ही रेलवे और प्रशासन द्वारा मुनादी करने के एक हफ्ते में अतिक्रमण का हटाया जायेगा.

लॉ एंड ऑर्डर प्रभावित न हो जिसको लेकर पर्याप्त फोर्स तैनात की जाएगी, एसएसपी नैनीताल पंकज भट्ट ने बताया कि अतिक्रमण ध्वस्त करने के दो दिन पहले सभी फोर्स को बुला दिया जायेगा. किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी.

राजनीति भी शुरू

हाईकोर्ट नैनीताल के आदेश के बाद अतिक्रमण हटने की खबर से राजनैतिक दल में मैदान में उतर चुके है. हल्द्वानी से स्थानीय कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने बताया कि वह हाईकोर्ट की शरण में जरूर गए हैं, उम्मीद है की फैसला जनता के पक्ष में आयेगा, वहीं बीजेपी से नैनीताल सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि वह हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हैं, आदेश के विपरीत नहीं जा सकते.

(इनपुट- हर्ष रावत)

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