वीडियो एडिटर: वरुण शर्मा
हरियाणा विधानसभा चुनाव की घंटी बज चुकी है. 21 अक्टूबर को मतदान होना है. ऐसे में युवाओं की नब्ज टटोलने क्विंट की चुनावी चौपाल हरियाणा के हिसार में लगी. जहां हमने सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे छात्रों से राष्ट्रवाद, जॉब, चुनावी मुद्दे, महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर खुलकर बात की.
चौपाल में चर्चा के दौरान हमने इन छात्रों से उनका मूड टटोलने के साथ-साथ ये जानने की कोशिश की कि क्या यहां फिर से बीजेपी का कमल खिलेगा? बीजेपी ने पिछले चुनाव में 90 में से 47 सीटों पर जीत हासिल कर सरकार बनाई थी.
‘जो वंदे मातरम नहीं कहता उसे सजा हो’
राष्ट्रवाद पर चर्चा करते हुए एक छात्रा मेनका ने कहा,
“हम लोग देखते हैं यहां पर जो मुसलमान रहते है, वो कभी वंदे मातरम नहीं बोलते, भारत माता की जय नहीं बोलते. फिर भी वो यहां रहते हैं. सैलरी पा रहे हैं, काम कर रहे हैं. जो लोग इज्जत नहीं करते हैं. उन्हें सजा मिलनी चाहिए.”
लेकिन चौपाल में मौजूद अंकित ने तुरंत ही मेनका की इस बात को काट दिया. अंकित ने जवाब देते हुए कहा,
“वंदेमातरम बोलने से देशभक्ति का फैसला नहीं हो सकता है. सबको इस देश से प्यार है. सरकार ने राष्ट्रवाद को हिंदू-मुस्लिम में बांट दिया है. अगर जय श्रीराम बोलते हैं, तो राष्ट्रवादी, नहीं बोलने वाले को आतंकवादी कहते हैं. इसी तरह सरकार के साथ हैं, तो राष्ट्रवादी नहीं तो देश विरोधी. जो गलत है.”
क्या आसानी से मिलती है हरियाणा में जॉब?
जब चौपाल में क्विंट ने इन छात्रों से रोजगार के मुद्दे पर सवाल पूछा तो ज्यादातर छात्रों में नाराजगी दिखी. हालांकि कुछ छात्रों ने इस बात की खुशी जताई की अब नौकरी में रिश्वत का दौर खत्म हो गया है.
बता दें कि 21 अक्टूबर को चुनाव होने हैं, जिसका नतीजा 24 अक्टूबर को आ जाएगा.
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