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HDFC बैंक को चमकाने के बाद क्या करने जा रहे आदित्य पुरी? EXCLUSIVE

आदित्य पुरी ने 25 सालों बाद HDFC बैंक को 26 अक्टूबर को अलविदा कह दिया

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जब तमाम बैंक ज्यादा बैड लोन और कम लिक्विडिटी के दो पाट में पिस रहे थे, तो भी आदित्य पुरी के नेतृत्व वाला HDFC बैंक कामयाबी के नए परचम फहरा रहा था. तो आदित्य पुरी ने ऐसा कैसे किया? यही सवाल पूछा क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने आदित्य पुरी से जब वो बैंक के CEO और MD के पद से रिटायर हो गए. ये आदित्य पुरी का रिटायरमेंट के बाद पहला इंटरव्यू है जिसमें उन्होंने अपने फ्यूचर प्लान पर भी बात की है.

आदित्य पुरी ने 25 सालों बाद देश के चार सबसे बड़े बैंकों में शुमार HDFC बैंक को 26 अक्टूबर को अलविदा कह दिया है. पुरी देश के किसी भी निजी बैंक के सबसे लंबे समय तक हेड रहे हैं. ऐसा कहा जाता था कि आदित्य पुरी की एक महीने की सैलरी 89 लाख है, जो कि किसी भी भारतीय बैंक के सीईओ की सबसे ज्यादा सैलरी है.

HDFC बैंक ने अपने रिटायर हुए एमडी और सीईओ के सम्मान में मुंबई के वर्ली स्थित हेडक्वार्टर में एक बड़ा सा फ्लायर लगाया. इस पर लिखा गया: "शुक्रिया, आदित्य पुरी, 25 यशस्वी सालों के लिए."

मलेशिया छोड़कर आधी सैलरी पर क्यों आ गए मुंबई?

ये उत्साह था कि देश लौटकर कुछ अच्छी चीज करेंगी. बैंकिंग को सब तक ले जाएंगे. इसके अलावा जी सीखा था, उससे कुछ बनाना भी था. जो मजा क्रिएशन में है, वो मजदूरी में नहीं है. लेकिन सबसे बड़ी बात थी कि पिता की तबीयत ठीक नहीं थी और वो मलेशिया आने के लिए राजी नहीं थे. तो हमने वापस आने का फैसला किया.

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इतना बड़ा बैंक बनाने के लिए आदित्य पुरी कितने घंटे काम करते थे?

मैंने हमेशा सुबह 9 से शाम 5:30 बजे तक काम किया है. इससे ज्यादा मैंने काम नहीं किया. मोबाइल मैं अभी भी नहीं रखता हूं.

जब बाकी बैंक संघर्ष कर रहे हैं, तो कैसे बनाया HDFC बैंक को कामयाब?

बैंकिंग में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की कोई दिक्कत नहीं है. असल बात ये है कि बोर्ड रूम में कोई भी योजना बना लें, लेकिन जब तक आपका हर एम्प्लॉई आपके पीछे न खड़ा हो, आपके विजन में विश्वास करेंगे, तभी सफलता मिलेगी.

स्ट्रेटेजी और एक्शन प्लान बनाने में सभी शामिल हों तो ज्यादा प्रभावी होगा. जब आप सब से पूछेंगे तो कई आइडिया मिलेंगे.
आदित्य पुरी

भारत में बैंकिंग सेक्टर का दर्द और दवा क्या है?

असल में उतना बुरा हाल नहीं है, जितना बताया जाता है. ये ऐसा है कि जुखाम है और कैंसर बता दिया. पहले सब 10% NPA की बात करते थे. लेकिन पिछले चार सालों में बैंकिंग सिस्टम ने इस NPA के 7% तक के लिए प्रोविजन बनाया है, तो 10% NPA के क्या मायने हैं. परेशानी है भी तो सिर्फ 3% की है, लेकिन बात हमेशा 10% की होती है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि NPA नहीं घोषित करेंगे. उनका मतलब था कि कस्टमर और क्रेडिट ब्यूरो को नहीं बताना है. मैं कोर्ट पर सवाल नहीं उठा रहा हूं लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए था. क्योंकि NPA है तो NPA है. बाद में पूछा जाएगा कि कैसे हो गया.  
आदित्य पुरी

हमने परफॉर्मा NPA बनाया कि अगर कोर्ट का फैसला नहीं आता तो हमारा NPA कितना होता. हमने ये बुक्स में नहीं डाला, कस्टमर को नहीं बताया. और इस परफॉर्मा NPA के लिए हमने प्रोविजन बनाए. तो बुक्स में हमारा NPA 1.08% है और परफॉर्मा NPA 1.4% है, और इस NPA पर 144% की प्रोविजनिंग है.

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कोरोना के बाद आर्थिक रिकवरी कब तक?

कुछ सेक्टर और इंडस्ट्री अभी भी प्रभावित हैं. हालांकि, काफी बड़े स्तर तक हालात ठीक हैं. मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर, स्टील, सीमेंट सभी इंडस्ट्री के नतीजे अच्छे आए हैं. सेमी-अर्बन और रूरल एरिया से डिमांड भी हैं.

जैसे-जैसे लॉकडाउन खुलता जाएगा, स्थिति ठीक होती जाएगी. होटल और एयरलाइन इंडस्ट्री को थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन धीमे-धीमे वो भी ठीक हो जाएगी. मेरे हिसाब से अगले साल की पहली तिमाही तक चीजें प्री-कोविड लेवल पर आ जानी चाहिए.

फ्यूचर प्लान क्या है?

बहुत चीजें हैं. स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में कुछ करने की योजना बना सकते हैं. और बाकी अभी तो हम जवान हैं और पिक्चर अभी बाकी है.

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