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जूनियर विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय धावक के रूप में अपना नाम दर्ज कराने वाली हीमा दास (Hima Das) का पिछले साल ओलंपिक डेब्यू होना चोट को सपना पूरा नहीं हो सका. जुलाई में राष्ट्रीय ट्रायल के दौरान हैमस्ट्रिंग की चोट के चलते हिमा दास टोक्यो के लिए जगह नहीं बना सकीं.
सात महीने बाद, एक बार फिर से हीमा अपने अपने सफर के लिए तैयार हैं. वो टोक्यो की निराशा को भूलकर अपने दूसरे एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है.
द क्विंट ने हिमा दास से केरल में उनके ट्रेनिंग कैंप से बात की, जहां उन्होंने मार्च में वापसी की तैयारी शुरू कर दी है. इस इंटरव्यू में उन्होंने टोक्यो के अपने झटके से सीख, 'बड़े भाई' नीरज चोपड़ा की स्वर्ण जीत के बाद के जश्न, और ये कैसे भारतीय एथलेटिक्स में बदलाव शुरू कर देता है इन सब पर बात की है.
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