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उत्तराखंड के इस गांव से पलायन कर गए लोग, बस रह गई छोटी-सी आशा

उत्तराखंड में 16,000 गांवों में से 3500 गांवों के लोग पलायन कर चुके हैं.

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उत्तराखंड में बोंडुल नाम का ऐसा गांव है, जहां से लोग पलायन कर चुके हैं. इस गांव में आज भी घर बने हुए हैं, लेकिन यहां कोई रहता नहीं है और घरों में ताले लगे हैं.

यहां रहती हैं तो सिर्फ एक अकेली विधवा औरत.

द क्विंट ने बोंडुल गांव में अकेली रह रही 66 साल की विमला से बातचीत की. उन्होंने इस गांव से लोगों के पलायन करने की वजह बताई.

कुछ समय पहले यह जगह लोगों से भरी हुई थी. सब लोग साथ-साथ मिलजुल कर रहते थे, खाते थे, पीते थे. लेकिन स्कूल और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी की वजह से लोग यहां से चले गए. अब मैं अकेली यहां रहती हूं.
विमला, बोंडुल गांव

कुछ आकड़ों के आधार पर 16,000 गांवों में से 3,500 गांवों से लोग पलायन कर चुके हैं. इनमें से 1,000 गांवों से लोगों का पलायन 2001 से 2011 के बीच हुआ.

चुनावों के इस माहौल में यह मुद्दा राजनीतिक ढंग से खास है. इन चुनावों से विमला को भी एक छोटी सी आशा है.

कैमरा और रिपोर्टिंग: आशुतोष सिंह

ए़डिटर: मोहम्‍मद इब्राहिम

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