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हर बार झूठ बोलकर हो जाता है बदनाम, पर पाकिस्‍तान है कि मानता नहीं

आइए आपको बताते हैं पाकिस्तान के कुछ बड़े झूठ

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कैमरा: नितिन मलिक

वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा / वरुण शर्मा

पाकिस्तान का नाम सुनते ही जेहन में तीन बातें उभरती हैं - पहला, भारत का सबसे बड़ा दुश्मन. दूसरा, आतंकवाद की सबसे बड़ी फैक्ट्री और तीसरा, दुनिया को गुमराह करने और सफेद झूठ बोलने वाला सबसे बेशर्म देश.

पहली दो बातों पर अगर गौर करें, भारत दशकों से झेल रहा है और मुकाबला कर रहा है. लेकिन पाकिस्तान की झूठ बोलने की पीढ़ियों पुरानी आदत है. इसका आखिर क्या इलाज है? अभी तक तो कुछ नहीं...क्योंकि वादे करके साफ झूठ बोलकर मुकर जाना पाकिस्तान के फितरत में शामिल हो चुका है.
तो आइए आपको बताते हैं पाकिस्तान के ऐसे ही कुछ बड़े झूठ.

जमात-उद-दावा पर झूठ

पुलवामा आतंकी हमले के बाद से अंतरराष्‍ट्रीय दबाव में 21 फरवरी को पाकिस्तान ने मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को बैन करने का ऐलान किया था. पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि पीएम इमरान खान की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के दौरान दोनों संगठनों पर बैन लगाने का फैसला किया गया है.

लेकिन शायद ये दुनिया को बस दिखाने भर के लिए था, क्योंकि 4 मार्च को उसके इस झूठ का पर्दाफाश किसी और ने नहीं, बल्कि खुद पाकिस्तान सरकार की एक वेबसाइट ने ही कर दिया. वहां की नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी यानी NCTA की वेबसाइट के मुताबिक इन दोनों संगठनों को बैन नहीं किया गया था, बल्कि गृह मंत्रालय की ओर से निगरानी पर रखे गए संगठनों की लिस्ट में रखा गया था.

अब झूठ सामने आने के बाद पाकिस्तान को अपना डैमेज कंट्रोल तो करना ही था. लिहाजा आनन-फानन में अगले ही दिन उसने इन दोनों संगठनों को बैन किए गए संगठनों की लिस्ट में डालकर अपनी इमेज सुधारने की कोशिश की.

जैश-ए-मोहम्मद पर झूठ

वैसे झूठ बोलने में पाक की सरकार ही नहीं, बल्कि सेना भी पीछे नहीं है. 6 मार्च को पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ''जैश ए मोहम्मद का पाकिस्तान में कोई वजूद ही नहीं है." हां, ये अलग बात है कि यूनाइटेड नेशंस और पाकिस्तान ने भी जैश ए मोहम्मद पर रोक लगा रखी है. मतलब पाकिस्तान ने उस संगठन पर बैन लगा रखा है, जिसका "कोई वजूद ही नहीं है."?

दिलचस्प बात ये है इससे कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान के ही विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने खुद एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि जैश का मुखिया मसूद अजहर पाकिस्तान में मौजूद है और वो बीमार है.

सफेद झूठ की इससे बड़ी मिसाल कहीं और देखी है आपने?

ये भी देखें - पूर्व आर्मी कमांडर एके सिंह: पाकिस्तान नहीं उठा सकता युद्ध की कीमत

F-16 विमान पर झूठ

भारतीय वायुसेना के एयर स्ट्राइक से बौखलाए पाकिस्तान ने 27 फरवरी को अपने F-16 लड़ाकू विमान भारतीय सीमा के अंदर भेजे. भारतीय रडारों ने उन्हें नोटिस करते ही एयरफोर्स को अलर्ट कर दिया, जिसके बाद भारतीय लड़ाकू विमानों ने उन्हें खदेड़कर भगा दिया. इस दौरान उनके एक F-16 को मार गिराया गया, जो LoC के उस पार जाकर गिरा.

भारत के खिलाफ F-16 का इस्तेमाल कर पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ हुए उस ‘एंड-यूजर’ समझौते का उल्लंघन किया, जिसमें पाकिस्तान को सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ही F-16 का इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई है.

लेकिन पाकिस्तान ने दावा किया कि उसके इस मिशन में किसी F-16 का इस्तेमाल नहीं किया गया. साथ ही उसने इस बात से भी इनकार किया कि भारतीय वायुसेना ने उसके एक विमान को मार गिराया है.

भारतीय वायुसेना के एयर वाइस मार्शल आरजीके कपूर ने पाकिस्तान के इस झूठ को बेनकाब करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुख्ता सबूत पेश किए. उन्होंने हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल AMRAAM के कुछ हिस्से मीडिया को दिखाए, जिसे भारतीय क्षेत्र में बरामद किया गया है. अब गौर करने वाली बात ये है कि पाकिस्तान के पास सिर्फ F-16 ही ऐसा विमान है, जिसमें इस मिसाइल का इस्तेमाल हो सकता है.
अब पाकिस्तान, अमेरिका को उल-जुलूल सफाई दे रहा है.

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ट्रंप से मुलाकात पर झूठ

पाकिस्तान दुनिया के सामने खुद को जबरदस्ती ऊंचा दिखाने के लिए भी बेधड़क झूठ बोलता है. पिछले साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर एक लंच का आयोजन हुआ था. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी यहां मौजूद थे. अपने देश के सरकारी टेलीविजन पीटीवी को दिए इंटरव्यू में कुरैशी ने कहा था, "राष्ट्रपति ट्रंप से मेरी मुलाकात हुई. इस दौरान मुझे उनके साथ पाकिस्तान और अमेरिका के संबंधों पर चर्चा करने का मौका मिला."

कुरैशी ने यहां तक दावा किया कि उन्हें ट्रंप से सकारात्मक जवाब मिला और उन्होंने अमेरिका और पाक के बिगड़े संबंधों को फिर से सुधारने का इरादा जाहिर किया.

इसके बाद व्हाइट हाउस ने इन दावों को सिरे से खारिज करते हुए एक बयान जारी कर कहा कि लंच के दौरान ट्रंप ने कुरैशी से सिर्फ हाथ मिलाया था और दोनों के बीच ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई थी.

मतलब सोचिए, सिर्फ ट्रंप से हाथ मिलाने भर से पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने इतनी बड़ी कहानी गढ़ दी, तो अगर वाकई ट्रंप से उनकी असली बातचीत हो गई होती, तो वो मीडिया से क्या-क्या कह देते?

वैसे इससे पहले भी पठानकोट, उरी, मुंबई और संसद पर हुए आतंकी हमलों और कारगिल युद्ध के दौरान भी बार-बार पाकिस्तान के तमाम झूठ बेनकाब हुए हैं. लेकिन पाकिस्तान है कि झूठ बोलने से बाज ही नहीं आता.

ये भी देखें - पाकिस्तान है झगड़ालू, भारत ही नहीं किसी पड़ोसी से नहीं बनती

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