ADVERTISEMENTREMOVE AD

IPL खिलाड़ियों और 90’s के हिट गायकों का दिलचस्प किस्मत कनेक्शन!

जिस खिलाड़ी ने IPL के बड़े मैच में रन बना दिए उसके लिए टीम इंडिया के दरवाजे खुल जाते हैं. ये सच नहीं है.

छोटा
मध्यम
बड़ा

वीडियो एडिटर: संदीप सुमन

वीडियो प्रोड्यूसर: मौसमी सिंह

ADVERTISEMENTREMOVE AD

आज म्यूजिक इंडस्टी के कुछ नाम याद आ रहे हैं. आप परेशान ना हों बातें क्रिकेट की होंगी लेकिन पहले बात करते हैं म्यूजिक इंडस्ट्री के वनटाइम वंडर्स की.

0

ये नाम हैं:

  • बाली ब्रह्मभट्ट
  • हसन जहांगीर
  • बाबा सहगल
  • पलाश सेन
  • जैजी बी
  • लकी अली
  • फाल्गुनी पाठक

आप गूगल पर सर्च करेंगे तो पता चलेगा कि एक वक्त इन कलाकारों का क्या जबरदस्त क्रेज हुआ करता था. धूम पिचक... धूम पिचक धूम (पलाश सेन), हवा हवा ऐ हवा (हसन जहांगीर) और याद पिया की आने लगी (फाल्गुनी पाठक) जैसे गाने 90 के दशक में राज करते थे. बाद में इन कलाकारों की कुछ और एल्बम जरूर आईं लेकिन ये कलाकार वन टाइम वंडर्स ही साबित हुए. अब दूसरी तरफ नजर डालते हैं क्रिकेट के वन टाइम वंडर्स पर

IPL के वन टाइम वंडर्स

  • यूसुफ पठान
  • मनविंदर बिसला
  • ऋद्धिमान साहा
  • मनीष पांडे
ADVERTISEMENTREMOVE AD

अब आपको पता है इन खिलाड़ियों की बदकिस्मती क्या है? दरअसल ये भी IPL के वन टाइम वंडर्स हैं. बड़ी बात ये है कि IPL में ऐसे और भी कई वन टाइम वंडर्स हैं. इसमें श्रेयस अय्यर, संजू सैमसन, राहुल त्रिपाठी जैसे कई नाम याद आते हैं. लेकिन इन खिलाड़ियों के अलावा कुछ और खिलाड़ी सीजन के फाइनल में धमाका करने के बाद भी कभी वो जलवा नहीं दिखा पाए.

यूसुफ पठान ने IPL के पहले सीजन में फाइनल में चेन्नई के खिलाफ करिश्माई पारी खेली थी. IPL में बाद में लोगों ने इससे कहीं ज्यादा तूफानी बल्लेबाजी देखी, लेकिन उस वक्त तक कम ही लोगों को अंदाजा था कि ये वो फॉर्मेट तैयार हुआ है जिसमें 39 पर 56 रन बनाए जा सकते हैं. जो करिश्मा यूसुफ पठान ने किया था. उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया था.

फिर IPL के चौथे फाइनल में मुरली विजय चमके. उन्होंने सिर्फ 52 गेंद खेलकर विस्फोटक 95 रन बनाए. उनकी इसी पारी की बदौलत बैंगलोर के सामने 206 रनों का लक्ष्य था. जो उनके लिए भारी साबित हुए. मुरली विजय ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ बने.

2012 में तो और बड़ा धमाल हुआ. चेन्नई की टीम एक बार फिर फाइनल में थी. फाइनल में कोलकाता को जीत के लिए 191 रनों का लक्ष्य दिया. 48 गेंद पर 89 रन बनाकर मनविंदर बिसला ने टीम को जीत दिला दी. कोलकाता ने पहली बार खिताब जीता. उस वक्त तक बिसला को कम ही लोग जानते थे. बिसला को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया.

2014 सीजन के फाइनल में तो दो–दो खिलाड़ियों ने ताबड़तोड़ रन बनाए. ऋद्धिमान साहा ने किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से बल्लेबाजी करते हुए 55 गेंदों पर 115 रनों की विस्फोटक पारी खेली. इस पारी में 10 चौके और 8 छक्के शामिल थे. उनकी इस पारी पर पानी फेरने वाले थे मनीष पांडे. मनीष पांडे ने 50 गेंद पर 94 रनों की पारी खेली. इसमें 7 चौके और 6 छक्के शामिल थे. उनकी इस पारी की बदौलत उन्हें ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया. मनीष पांडे की इस पारी की बदौलत उनकी टीम को जीत मिली.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

आम तौर पर भारतीय क्रिकेट में धारणा ये है कि जिस खिलाड़ी ने IPL के बड़े मैच में रन बना दिए उसके लिए टीम इंडिया के दरवाजे खुल जाते हैं. सच ये नहीं है. सच ये है कि टीम इंडिया में जाने के बाद जलवा वहां भी दिखाना पड़ता है. वरना सिर्फ IPL से बात नहीं बनती.

वनटाइम वंर्डस का आज क्या है हाल

  • मनविंदर बिसला तो कभी टीम इंडिया में जगह ही नहीं बना पाए
  • ऋद्धिमान साहा को करिश्माई शतक के बाद भी कभी वनडे टीम में नहीं रखा गया
  • मनीष पांडे 23 वनडे खेलने के बाद आज भी टीम में जगह पक्की नहीं कर पाए हैं
  • यूसुफ पठान फिर भी किस्मत वाले हैं. उन्होंने टीम इंडिया के लिए 50 से ज्यादा वनडे खेले.

तो सबक एक ही है. वंडर्स करिए. लेकिन वनडे टाइम नहीं. ऑल टाइम, एवरी टाइम ना सहीं लेकिन फ्यू टाइम. वनटाइम तो भूलकर नहीं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×