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NEET-JEE: आनंद कुमार से सुनिए,हॉल में स्टूडेंट के साथ क्या होगा?  

सितंबर में NEET-JEE कराने के सवाल पर बोले आनंद कुमार- “एक साल में स्टूडेंट दुनिया नहीं बदल देंगे’’

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वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता

क्या JEE मेन्स, NEET यूजी को स्थगित करना चाहिए? IIT कोच और सुपर-30 के फाउंडर आनंद कुमार का कहना है कि एक साल आगे-पीछे होने से किसी बच्चे के भविष्य पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. सेशन लेट होने पर कुछ न कुछ कर मैनेज किया जा सकता है.

आनंद कुमार का कहना है कि परीक्षाओं को कुछ दिन और टालने की जरूरत है. अभी कोरोना के कारण स्थिति सामान्य नहीं है. बिहार समेत कई प्रदेशों में बाढ़ है. बस की सुविधा नहीं है. होटल नहीं है. हो सकता है कि सरकार अच्छे से परीक्षा करा ले लेकिन सेंटर तक पहुंचने में मुसीबतें हैं.

परीक्षा केंद्रों पर NTA ने मास्क, सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग को अनिवार्य किया है. लेकिन आनंद कुमार के मुताबिक मुसीबतें इसके आगे भी हैं.

तीन घंटे तक मास्क लगाकर परीक्षा देना मुश्किल है. उस समय दिमाग पूरा काम करना चुनौतिपूर्ण है. परीक्षार्थियों को कोरोना का डर सताता रहेगा.  
आनंद कुमार, फाउंडर, सुपर-30

कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि JEE, NEET की परीक्षा में देरी से एक साल बर्बाद होगा और पहले से ही कम सीटों पर अगले साल दबाव पड़ेगा. लेकिन आनंद कुमार कहते हैं-

दिवाली या दिसंबर तक परीक्षा रोकने से फायदा है.महामारी की वजह से पूरी दुनिया संकट में है. क्या एक साल में स्टूडेंट दुनिया बदल देंगे? अगले बैच की परीक्षा अप्रैल में करा लें , इन लोगों की परीक्षा नवंबर दिसंबर में हो. तीन-चार महीने का गैप चलेगा तो सेशन भी वैसे ही चलेगा. सेशन लेट को कुछ न कुछ कर मैनेज किया जा सकता है.

बड़ी संख्या में परीक्षार्थी मांग कर रहे हैं कि सितंबर में JEE मेन्स-NEET यूजी न हो. लेकिन सवाल वही है कि क्या सरकार मानेगी?

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